Diwali 2022 : दीवाली में दीए जलाने के बाद करें ये काम, दूर होंगी सभी बाधाएं

पांच दिनों तक चलने वाला दीपोत्सव का त्योहार शुरु होने जा रहा है, इस त्योहार में माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की विशेष रुप से पूजा-अर्चना की जाती है,

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Aarya Pandey
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दिवाली में काजल लगाने का महत्त्व( Photo Credit : Social Media)

पांच दिनों तक चलने वाला दीपोत्सव का त्योहार शुरु होने जा रहा है, इस त्योहार में माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की विशेष रुप से पूजा-अर्चना की जाती है, मान्यताओं के अनुसार ये त्योहार अंधकार पर प्रकाश की जीत का पर्व है. इस त्योहार में दीपक जलाने की परंपरा है, दीपक जलाने से सकारात्मक ऊर्जा से घर प्रकाशमय हो जाता है, कहते हैं इस त्योहार में काजल लगाने की मान्यता है, इस दिन दीए से निर्मित परिपूर्णं काजल लगाना बेहद शुभ माना जाता है, तो आइए जानते हैं दीए से काजल बनाने के विधि और उनके महत्त्व के बारे में..

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क्या है दीपक से काजल बनाने की विधि-
दीपक से काजल बनाने के लिए सबसे पहले आमतौर पर हम दीए ही जलाते हैं, दीए जलाने के बाद उसके ऊपर प्लेट या किसी बर्तन को दीए के ऊपर उल्टी करके रख दें, इस बात का ध्यान रखें कि बत्ती बूझे ना. उसके बाद आपके बर्तन पर कुछ कालिख पदार्थ एकट्ठा हो जाएगा.उसके बाद उस कालिख को एकट्ठा कर उसे शुद्ध घी या तेल से मिक्स कर लें और फिर समयनुसार आप इसका इस्तेमाल कर सकते हैं.

क्यों लगाया जाता है दीपक से बना काजल-
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार दीए से काजल लगाना बहुत शुभ माना जाता है, इसको लगाने से साइंटिफिकली देखा जाए तो आंखों के लिए बेहद फायदेमंद है,इससे बुरी नजर नहीं लगती है और घर में सुख-शांति का वास होता है और इसी के साथ दीए से निर्मित काजल का टीका घर के दीवार पर, अलमीरा में, घर के सभी वस्तुओं पर लगाने से घर से सभी तरह की बाधाएं दूर हो जाती हैं.

Source : News Nation Bureau

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