Dev Uthani Ekadashi 2022: देवउठनी एकादशी से नहीं इस दिन से शुरू होंगे मांगलिक कार्य, जानिए क्या है वजह
पौराणिक कथा के अनुसार भगवान विष्णु जब चार महीशास्त्रों के मुताबिक भगवान विष्णु कार्तिक मास की एकदाशी को नींद से जागते हैं.
highlights
- कब है विवाह का शुभ मुहूर्त
- देवउठनी एकादशी में मिलेगा मनचाहा वर
- क्या है पूजा विधि
नई दिल्ली:
पौराणिक कथा के अनुसार भगवान विष्णु जब चार महीने की निद्रा में होते हैं तो हिंदू धर्म में कोई मांगलिक कार्य नहीं किया जाता है. यही वजह है कि शुभ कार्यों के लिए देवों यानी भगवान विष्णु के उठने का इंतजार किया जाता है. शास्त्रों के मुताबिक भगवान विष्णु कार्तिक मास की एकदाशी को नींद से जागते हैं. इसलिए इसे देवउठनी एकादशी भी कहा जाता है. इस दिन भगवान विष्णु को चार मास की निद्रा के बाद जगाया जाता है और तभी से जनेऊ, मुंडन, गृहप्रवेश, शादी जैसे शुभ कार्य प्रारंभ किए जाते हैं. इस बार देवउठनी एकादशी 4 नवंबर को है, लेकिन इस बार इस दिन से मांगलिक कार्य शुरू नहीं हो पाएंगे. आइए जानते हैं इसके पीछे भी क्या वजह है.
आपको बता दें कि पंचक काल भी शुरू होने वाला ऐसे में शादी का शुभ मुहुर्त कब से है, पूजा विधि क्या है, कैसे मिलेगा मनचाहा वरदान. ये सभी चीजें हम आपको अपने इस लेख में बताएंगे.
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देवउठनी एकादशी में मिलेगा मनचाहा वरदान
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की अराधना, विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करने से या फिर आप इसे अपने मोबाइल में भी चलाकर पाठ को सुन सकते हैं, इससे मनचाहे वर की प्राप्ति होती है और आपकी सारी मनोकामना पूर्ण होती है.
क्यों नहीं हो पाएंगे शुभ कार्य?
इस बार देवउठनी एकादशी से ही मांगलिक या शुभ कार्य प्रारंभ नहीं हो पाएंगे, इसके पीछे दो बड़ी वजह है एक शुक्र का अस्त होना और दूसरा पंचक काल. पंचक काल भी शुरू होने वाला है. मान्यता है कि पंचक काल के दौरान कोई शुभ कार्य प्रारंभ नहीं करना चाहिए.
विवाह का शुभ मुहुर्त कब है?
शादी का पहला शुभ मुहूर्त जो है, वो 24 नवंबर से शुरू होगा, लेकिन नवंबर में भी केवल तीन दिन ही शादी का शुभ मुहूर्त है और वो 24, 25, और 26 नवंबर को ही शुभ योग बन रहा है. बात करें दिसंबर में शुभ मुहूर्त की तो दिसंबर में 2,3,7,8,9,13,14,15 और 16 को ही शुभ मुहूर्त है. इसके बाद खरमास शुरू हो जाएगा और इसमें भी कोई शुभ कार्य करना वर्जित है. इसलिए विवाह का अब शुभ मुहूर्त 15 जनवरी 2023 से प्रारंभ होंगा.
देवउठनी एकादशी पूजा विधि
देवउठनी एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करें, स्नान करने के बाद भगवान विष्णु का व्रत रख संकल्प लें, पश्चात भगवान विष्णु की अराधना करते हुए विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ करें. इसके साथ ही भगवान विष्णु को लड्डू, सिंघाड़ा और मौसमी चढ़ाएं. इसके बाद भगवान विष्णु की आरती करें, इससे भगवान विष्णु हमेशा आपसे प्रसन्न रहेंगे.
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