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Chaturmas 2023: आज से शुरू हुआ चातुर्मास, इन चीजों का खास रखें ध्यान

Chaturmas 2023: दिनांक 29 जून दिन गुरुवार से देवशयनी एकादशी से चातुर्मास की शुरूआत हो रही है . इसे चौमासा नाम से भी जाना जाता है. इस मास में भगवान विष्णु योग निद्रा में होते हैं और सृष्टि का संचालन भगवान शिव करते हैं.

Updated on: 29 Jun 2023, 05:54 AM

नई दिल्ली :

Chaturmas 2023: दिनांक 29 जून दिन गुरुवार से देवशयनी एकादशी से चातुर्मास की शुरूआत हो रही है . इसे चौमासा नाम से भी जाना जाता है. इस मास में भगवान विष्णु योग निद्रा में होते हैं और सृष्टि का संचालन भगवान शिव करते हैं. ये पालक और संहारक दोनों की भूमिका निभाते हैं. चातुर्मास में सभी मांगलिक कार्य बंद होते हैं. इसमें लोगों को संयम रखने की आवश्यकता होती है. वहीं, जो लोग चातुर्मास में नियमों का पालन करते हैं, उन्हें सुख और उन्नति की प्राप्ति होती है. तो ऐसे में आइए आज हम आपको अपने इस लेख में चातुर्मास में 10 नियमों के पालन करने के बारे में बताएंगे, जिनका आपको खास ध्यान रखना है. 

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चातुर्मास में इन 10 नियमों का करें जरूर करें पालन 

1.चातुर्मास (आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकादशी से लेकर कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि तक होता है ). इन चार माह में रोजाना सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करना चाहिए और भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए. सावन माह में भगवान शिव की पूजा करना अति उत्तम माना जाता है. 

2. पूरे चातुर्मास में ब्रह्मचार्य के नियमों का खास पालन करना चाहिए. 

3. चातुर्मास में एक समय भोजन करना चाहिए. इस दौरान तप, जप साधना, योग आदि करना चाहिए. 

4. चातुर्मास के दौरान क्रोध करने से बचना चाहिए. 

5. चातुर्मास में संध्या के समय आरती जरूर करें. नया जनेऊ धारण करें. चातुर्मास में भगवान विष्णु, महादेव के अतिरिक्त माता लक्ष्मी, माता पार्वती, गणेश जी, राधाकृष्ण, पितृ देव आदि का पूजन जरूर करें. 

6. चातुर्मास में विवाह, सगाई, गृह प्रवेश आदि जैसे मांगलिक कार्य नहीं होते हैं. क्योंकि इस समय देव सो रहे होते हैं. 

7. चातुर्मास में पान, दही, तेल, बैंगन, साग, शकर, मसालेदार भोजन, मांस, मदिरा, नमकीन आदि का सेवन करने से बचना चाहिए. 

8. चातुर्मास के सावन में पत्तेदार सब्जियां, दही, आश्विन में दूध और कार्तिक में लहसुन-प्याज का सेवन न करें. चातुर्मास में काले या नीले वस्त्र धारण करने से बचें

9. चातुर्मास में व्यक्ति को 5 प्रकार के दान करें. जैसे कि दीपदान, अन्न दान, वस्त्र दान, छाया दान और श्रम दान शामिल है.

10. चातुर्मास में आप भगवान विष्णु और भगवान शिव के मंत्र का जाप करें.
ओम नमो भगवते वासुदेवाय 
पंचाक्षरी मंत्र - ओम नम: शिवाय