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Chandra Grahan 2022 : जब भगवान विष्णु को आया था गुस्सा, पढ़ें ये रोचक कहानी

दिनांक 8 नवंबर 2022 दिन मंगलवार को चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है.

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Aarya Pandey
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Chandra Grahan 2022

Chandra Grahan 2022 ( Photo Credit : Social Media)

Chandra Grahan 2022 : दिनांक 8 नवंबर 2022 दिन मंगलवार को चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है, ऐसे में चंद्र ग्रहण कार्तिक पूर्णिमा के दिन पड़ रहा है. बता दें इस साल 15 दिन के अंदर दूसरा चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है, ये चंद्र ग्रहण किसी के शुभ है तो किसी के लिए अशुभ माना जा रहा है, तो आइए हम आपको अपने इस में बताएंगे कि ग्रह का तात्पर्य क्या है, पौराणिक कथा क्या है?

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ग्रहण का क्या है अर्थ?
आमतौर पर जैसा कि आप जानते हैं कि चंद्र ग्रहण तब लगता है, जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती है और आंशिक तौर पर पृथ्वी पूरे तरीके से चांद पर पड़ती है तब पूर्ण ग्रहण लगता है. 

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क्या है चंद्र ग्रहण की पौराणिक कथा-
हमारे पौराणिक कथा के अनुसार अमृत पाने के लिए जब देवता और असुरों के बीच लड़ाई चल रही थी, तात्पर्य यह है कि जब समुद्र मंथन चल रहा था,तब एक तरफ देवता थे और एक तरफ असुर थे. इस दौरान जब अमृत वितरण की बात आई, तब भगवान विष्णु मोहिनी का रूप लेकर प्रकट हुए थे और अमृत बांटना शुरू किए,तब राहु नामक एक राक्षस उसने सोचा कि अगर वह देवताओं के साथ बैठता है तो उसे भी अमृत मिल जाएगा.इसलिए वह जाकर देवताओं के साथ बैठ गया और अमृत ग्रहण कर लिया, उसके बाद हमेशा के लिए अमर हो गया. उसके बाद जब सारी चीजे सूर्य देव और चंद्र देव ने देखी, तो उसे पकड़ लिया और सारी बाते जाकर भगवान श्रीहरि विष्णु को बताई,उसके बाद भगवान विष्णु ने सुदर्शन च्रक  से राहू के सिर को उसके धड़ से अलग कर दिया,जिसके बाद सिर का नामक राहु और धड़ नामक केतू का जन्म हुआ, ये दोनों सूर्य देव और चंद्र देव के पक्के दुश्मन थे, इसलिए जब भी सूर्य या चंद्र देव अपने स्थिति में आने की कोशिश करते हैं, तब राहु और केतु यहां आकर ग्रहण लगाते हैं. इसलिए ग्रहण के दौरान कोई शुभ काम करने में मनाही होती है. इससे हमारे आस-पास का वातावरण नकारात्मक ऊर्जाओं से फैला हुआ होता है.

Source : News Nation Bureau

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