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Chanakya Niti: चाणक्य नीति की इन 10 बातों को अपनाएं, जीवन में कभी नहीं होगी हार

Chanakya Niti: चाणक्य का कहना है कि धन एक मात्र शक्ति है जिसके जरिए विश्व को चलाया जा सकता है. उनका कहना है कि जिस व्यक्ति के पास धन है उसी के सगे संबंधी भी होते हैं. धन की वजह से ही व्यक्ति को सच्चा इंसान माना जाता है.

Updated on: 17 Mar 2021, 10:13 AM

highlights

  • आचार्य चाणक्य का कहना है कि व्यक्ति को कभी भी सीधा बिल्कुल भी नहीं होना चाहिए
  • बुद्धिमान व्यक्ति को अपना समय अध्ययन और मनन में व्यतीत करना चाहिए: आचार्य चाणक्य

नई दिल्ली:

Chanakya Niti: जीवन की मुश्किलों का सामना करने के लिए आचार्य चाणक्य ने नीतिशास्त्र में कई उपाए सुझाए हैं. उसके अनुसार अगर कोई व्यक्ति किसी भी विपरीत परिस्थिति में इन उपायों को अपनाए तो वह बगैर किसी दिक्कत के एक अच्छी और बेहतरीन जिंदगी गुजार सकता है. उनका कहना है कि जीवन को सफल बनाने के लिए कुछ उपायों को अपनाना चाहिए. इस रिपोर्ट में हम आचार्य चाणक्य के द्वारा बताए गए 10 ऐसे ही उपायों के बारे में चर्चा करेंगे जिस पर अमल करके कोई भी व्यक्ति अपने जीवन को सफल बना सकता है. नात्यन्तं सरलैर्भाव्यं गत्वा पश्य वनस्थलीम् । छिद्यन्ते सरलास्तत्र कुब्जास्तिष्ठन्ति पादपाः ।।

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पहला उपाय:- आचार्य चाणक्य का कहना है कि व्यक्ति को कभी भी सीधा बिल्कुल भी नहीं होना चाहिए. उनका कहना है कि इसको इस उदाहरण से समझा जा सकता है कि जैसे जंगल में कुछ ऐसे पेड़ होते हैं तो सीधे और चिकने होतें हैं और उन्हें काटने में किसी भी तरह की परेशानी नहीं होती है. ठीक उसी तरह से मनुष्य के साथ भी वैसा ही होता है.

दूसरा उपाय:- चाणक्य का कहना है कि धन एक मात्र शक्ति है जिसके जरिए विश्व को चलाया जा सकता है. उनका कहना है कि जिस व्यक्ति के पास धन है उसी के सगे संबंधी भी होते हैं. धन की वजह से ही व्यक्ति को सच्चा इंसान माना जाता है. धनी होने से व्यक्ति के बेवकूफ होने पर भी उसको विद्वान, योग्य और बुद्धिमान माना जाता है.

तीसरा उपाय:- उनका कहना है कि कोध्र से मृत्यु पास आती है. वहीं और लोभ और लालच से दुख करीब आता है. चाणक्य कहते हैं कि विद्या गाय की तरह है जो मनुष्य की हर जगह रक्षा करती है. चाणक्य कहते हैं कि संतोष करने वाला व्यक्ति आसानी से जीवन यापन कर सकता है.

चौथा उपाय:- आचार्य चाणक्य का कहना है कि बुद्धिमान व्यक्ति को अपना समय अध्ययन और मनन में व्यतीत करना चाहिए. ऐसे व्यक्तियों को सुबह जुआरियों की कहानी (महाभारत), दिन में स्त्रियों के क्रियाकलापों और रात को चारों की गतिविधियां के बारे में जरूर पढ़ना चाहिए.   

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पांचवा उपाय:- चाणक्य का कहना है कि जो इंसान अनुशासनहीन होता है वह हमेशा दुखी रहता है साथ ही दूसरों को भी दुखी करता है. उनका कहना है कि ऐसा व्यक्ति नियमों को तोड़ता रहता है और दूसरे व्यक्तियों के लिए मुश्किलें खड़ी करता रहता है.

छठा उपाय:- आचार्य चाणक्य का कहना है कि पुरुष की तुलना में एक स्त्री दोगुना आहार लेती है. इसके अलावा चालाक, 6 गुना साहसी और चार गुना बुद्धिमान होती है.  
सातवां उपाय:- आचार्य चाणक्य का कहना है कि मनुष्य को अपने रहस्यों को किसी दूसरे व्यक्ति से नहीं जाहिर करना चाहिए. 

आठवां उपाय:- चाणक्य का कहना है कि सभी मित्रता के पीछे कोई ना कोई स्वार्थ जरूर होता है. चाणक्य कहते हैं कि पूरी दुनिया में ऐसी कोई भी मित्रता नहीं हैं जिसमें स्वार्थ नहीं हो यही कड़वा सच है.

नवां उपाय:- चाणक्य कहते हैं कि सबसे अच्छी मित्र शिक्षा है. उनका कहना है कि एक शिक्षित व्यक्ति सभी जगहों पर सम्मान पाता है.

दसवां उपाय:- आचार्य चाणक्य कहते हैं कि पूर्व के बारे में सोचकर नहीं पछताना चाहिए. साथ ही भविष्य को लेकर भी चिंतित नहीं होना चाहिए. उनका कहना है कि विवेकवान व्यक्ति हमेशा वर्तमान की बात करता है और उसे जीता है.