Chaitra Amavasya 2022: चैत्र अमावस्या पर बन रहे इस खास संयोग में पितरों का भर भर के बरसेगा आशीर्वाद, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि व महत्व
हिंदू धर्म में चैत्र अमावस्या तिथि का विशेष महत्व होता है. चैत्र अमावस्या को पितृदोष से मुक्ति के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है. इस बार चैत्र अमावस्या 1 अप्रैल 2022 को पड़ने जा रही है. ऐसे में इस बार बेहद ही ख़ास संयोग बनेंगे.
नई दिल्ली :
Chaitra Amavasya 2022: हिंदू धर्म में चैत्र अमावस्या तिथि का विशेष महत्व होता है. चैत्र अमावस्या को पितृदोष से मुक्ति के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र मास कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि को चैत्र अमावस्या कहते हैं. मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. इस दिन पितरों का तर्पण करने की भी परपंरा है. इस साल चैत्र अमावस्या 01 अप्रैल 2022, शुक्रवार को पड़ रही है. खास बात यह है कि चैत्र अमावस्या के दिन कई शुभ योग बन रहे हैं. इस दिन पहले ब्रह्म योग फिर बाद में इंद्र योग का निर्माण हो रहा है. इसके साथ ही रेवती नक्षत्र के साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग व अमृत सिद्धि योग भी बनेगा.
चैत्र अमावस्या 2022 का महत्व
चैत्र अमावस्या को काल सर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए भी बेहद खास माना जाता है. इस दिन काल सर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए चांदी के नाग-नागिन की पूजा की जाती है. इसके बाद इन्हें नदी में प्रवाहित कर दिया जाता है. इसके साथ ही गायत्री मंत्र व महामृत्युंजय मंत्र का जाप किया जाता है.
चैत्र अमावस्या 2022 का शुभ मुहूर्त
- अमावस्या तिथि प्रारंभ: 31 मार्च को दोपहर 12 बजकर 22 मिनट से शुरू होगी
- अमावस्या तिथि समाप्त: 01 अप्रैल को सुबह 11 बजकर 53 मिनट तक
- ब्रह्य योग: सुबह 09 बजकर 37 मिनट तक। इसके बाद इंद्र योग शुरू होगा
- सर्वार्थ सिद्धि योग: 10:40 ए एम से 06:10 ए एम, अप्रैल 02
- अभिजित मुहूर्त: 12:00 पी एम से 12:50 पी एम
- अमृत सिद्धि योग- 10:40 ए एम से 06:10 ए एम, अप्रैल 02
चैत्र अमावस्या पूजा विधि
- इस दिन सुबह जल्दी उठकर पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए
- अगर घर पर स्नान कर रहे हैं तो नहाने का पानी में गंगाजल मिला कर स्नान करना चाहिए
- स्नान के बाद भगवान सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए
- इसके बाद अनाज, वस्त्र, आंवला, कंबल व घी आदि का दान करना चाहिए
- गाय को हरा चारा खिलाना चाहिए
- पितरों का तर्पण करना चाहिए
अप्रैल माह की दूसरी अमावस्या कब पड़ेगी?
अप्रैल माह की दूसरी अमावस्या 30 अप्रैल, शनिवार को पड़ेगी. इसे वैशाख अमावस्या के नाम से भी जानते हैं. वैशाख अमावस्या शनिवार को पड़ने कारण दर्श अमावस्या व शनिश्चरी अमावस्या के नाम से जानते हैं.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Weekly Horoscope 29th April to 5th May 2024: सभी 12 राशियों के लिए नया सप्ताह कैसा रहेगा? पढ़ें साप्ताहिक राशिफल
-
Varuthini Ekadashi 2024: शादी में आ रही है बाधा, तो वरुथिनी एकादशी के दिन जरूर दान करें ये चीज
-
Puja Time in Sanatan Dharma: सनातन धर्म के अनुसार ये है पूजा का सही समय, 99% लोग करते हैं गलत
-
Weekly Horoscope: इन राशियों के लिए शुभ नहीं है ये सप्ताह, एक साथ आ सकती हैं कई मुसीबतें