Mahakumbh 2025: महाकुंभ 2025 शुरू ही होने वाला है. इस बार प्रयागराज के संगम तट पर करोड़ों श्रद्धालु पुण्य फल कमाने के लिए इस पवित्र नदी में डुबकी लगाने आएंगे. लगभग 45 दिनों तक चलने वाले इस मेले में शाही स्नान का खास महत्व होता है. हिंदू पंचांग के अनुसार महाकुंभ में शाही स्नान की 6 शुभ तिथियां पड़ने वाली हैं. विश्व के सबसे बड़े धार्मिक मेले में विश्वभर से करोड़ों लोग आएंगे. अगर आप भी महाकुंभ में शाही स्नान करने जा रहे हैं या इन 45 दिनों में कभी भी गंगा, यमुना, और सरस्वती नदियों के संगम स्थल उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में जाएंगे तो वहां से संगम की मिट्टी समेत ये 3 चीजें साथ में लाना न भूलें
महाकुंभ 2025 कब से शुरू हो रहा है? (When is Maha Kumbh 2025 starting?)
वैदिक पंचांग के अनुसार महाकुंभ 2025 की शुरूआत पौष माह की पूर्णिमा तिथि से होती है जो इस बार 13 जनवरी को है. 45 दिनों तक चलने वाले विश्व के सबसे बड़े धार्मिक मेले का समापन महाशिवरात्रि के दिन होगा, जो इस बार 26 फरवरी 2025 को है.
महाकुंभ में शाही स्नान के बाद ये चीजें घर ले जाएं (Take these things home after the royal bath in Mahakumbh)
संगम की मिट्टी
गंगा, यमुना, और सरस्वती नदियों का संगम जहां होता है उसे त्रिवेणी घाट कहते हैं. उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में त्रिवेणी संगम की मिट्टी शाही स्नान (royal bath) के बाद आप घर लाना न भूलें. हिंदू धर्म में पवित्र नदियों की मिट्टी को घर लाना शुभ माना जाता है. मान्यता है कि घर के मुख्य द्वार या मंदिर में अगर आप इस मिट्टी को लाकर रखते हैं तो इससे आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है और नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश नहीं हो पाता. यहां से लौटते समय आप थोड़ी सी मिट्टी किसी डिबिया में जरूर भरकर घर ले आएं.
संगम का पवित्र जल
जिस जगह पर गंगा जमुना और सरस्वती का मिलन होता है ऐसी जगह को बेहद पवित्र माना जाता है. त्रिवेणी का ये जल हिंदू धर्म में बहुत ही पवित्र और शक्तिशाली कहा गया है. महाकुंभ (Mahakumbh 2025) में यहां स्नान के बाद आप किसी बोतल में ये जल जरूर भर लें. ध्यान रखें कि स्नान (shahi sanan) करने के बाद ही जल को हाथ जोड़कर श्रद्धापूर्वक आप भरें. इस घर लाने के बाद इसमें से थोड़े से जल का पूरे घर में छिड़काव कर दें. फिर इसे घर के पूजा स्थल पर रखें और किसी भी शुभ कार्य में इसका इस्तेमाल करें. घर में कभी-कभी अन्य जल में इसकी 2-3 बूंदे मिलाकर उसका पूरे घर में छिड़काव करते रहें. इससे आपके घर की बुरी शक्तियों से रक्षा होगी.
शिवलिंग या पारस पत्थर
घर में खुशहाली या समृद्धि चाहते हैं तो आप ऐसी पवित्र जगह से ही शिवलिंग या पारस पत्थर लाकर उसे घर के मंदिर में स्थापित कर उसकी पूजा करें. कुछ जगहों पर देवी देवताओं की कृपा बरसती है. महाकुंभ (Mahakumbh 2025) के दौरान प्रयागराज भी ऐसी ही जगह होगी जहां सभी देवी-देवताओं का वास माना जाएगा. हर ओर पूजा का माहौल होगा. ऐसे में इस पवित्र धरती से पूजा का सामान लेकर अपने घर में लाना भी शुभ रहेगा.
यह भी पढ़ें: Prayagraj Religious History: तीर्थों का राजा कहलाता है प्रयागराज, जानें इसका धार्मिक इतिहास
तुलसी के पत्ते
तुलसी के पत्तों का हिंदू धर्म में विशेष महत्व होता है. पूजा में तुलसी के पत्तों का इस्तेमाल जरूर होता है. ऐसे में अगर आपको इस पवित्र घाट की तुलसी के कुछ पत्ते मिल जाएं तो उन्हें अपने घर में लाकर उनकी पूजा करें और फिर लाल कपड़े में बांधकर उन्हें अपने घर की तिजोरी में रख लें. ऐसा माना जाता है कि इससे देवी लक्ष्मी के साथ भगवान विष्णु का आशीर्वाद बना रहते हैं, और ऐसे जातक के घर कभी धन धान्य की कमी नहीं होती.
यह भी पढ़ें: Mahakumbh 2025: प्रयागराज के अलावा इन शहरों में भी लगेगा महाकुंभ मेला, जहां उमड़ेगा श्रद्धालुओं का बड़ा हुजूम
Religion की ऐसी और खबरें पढ़ने के लिए आप न्यूज़ नेशन के धर्म-कर्म सेक्शन के साथ ऐसे ही जुड़े रहिए.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)