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Bhadrapada Sankashti Chaturthi 2022: ये 5 मंत्र हैं 5 महा बुरी शक्तियों के विनाशक, निरंतर जाप से सिद्ध हो जाएंगे 'श्री गणेश'

Bhadrapada Sankashti Chaturthi 2022: माना जाता है कि संकष्टी चतुर्थी के दिन गणपति बाप्पा की आराधना करने से व्यक्ति के सभी दुखों का नाश हो जाता है और उसके सभी संकट समाप्त हो जाते हैं. वहीं, इस दिन कुछ विशेष मन्त्रों के जाप के बारे में बताया गया है.

Updated on: 14 Aug 2022, 11:25 AM

नई दिल्ली :

Bhadrapada Sankashti Chaturthi 2022: हिन्दू कैलेंडर के मुताबिक, भादों माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है. इस दिन भगवान श्री गणेश की विधिवत पूजा का विधान है. इस बार भाद्रपद की संकष्टी चतुर्थी 15 अगस्त, दिन सोमवार को पड़ रही है. माना जाता है कि संकष्टी चतुर्थी के दिन गणपति बाप्पा की आराधना करने से व्यक्ति के सभी दुखों का नाश हो जाता है और उसके सभी संकट समाप्त हो जाते हैं. वहीं, इस दिन कुछ विशेष मन्त्रों के जाप के बारे में बताया गया है. ये मन्त्र न सिर्फ बुरी शक्तिओं का खात्मा कर सकते हैं बल्कि इनके निरंतर जाप से स्वयं गणपति को सिद्ध किया जा सकता है.    

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भाद्रपद संकष्टी चतुर्थी 2022 विशेष गुप्त मंत्र (Bhadrapada Sankashti Chaturthi 2022 Mantra)
- ॐ गजाननं भूंतागणाधि सेवितम्, कपित्थजम्बू फलचारु भक्षणम्, उमासुतम् शोक विनाश कारकम्, नमामि विघ्नेश्वर पादपंकजम्

- नमामि देवं सकलार्थदं तं सुवर्णवर्णं भुजगोपवीतम्ं। गजाननं भास्करमेकदन्तं लम्बोदरं वारिभावसनं च॥

- विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय लम्बोदराय सकलाय जगद्धितायं। नागाननाय श्रुतियज्ञविभूषिताय गौरीसुताय गणनाथ नमो नमस्ते॥ 

- रक्ष रक्ष गणाध्यक्ष रक्ष त्रैलोक्यरक्षकं। भक्तानामभयं कर्ता त्राता भव भवार्णवात्॥

- ॐ गं गणपतये नमो नम: ॥

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भाद्रपद संकष्टी चतुर्थी 2022 शुभ योग (Bhadrapada Sankashti Chaturthi 2022 Shubh Yog) 
संकष्टी चतुर्थी यानी कि 15 अगस्त के दिन दोपहर 11 बजकर 59 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 52 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा. वहीं, सुबह से लेकर 11 बजकर 24 मिनट तक धृति योग की शुभ छाया होगी. ऐसे में व्रत पूजन के लिए सुबह 9 बजकर 27 मिनट से लेकर रात के 9 बजे तक का समय अत्यंत फलदायी है. 

भाद्रपद संकष्टी चतुर्थी 2022 चंद्रोदय समय (Bhadrapada Sankashti Chaturthi 2022 Chandrodaya Time) 
15 अगस्त यानी कि रविवार के दिन चंद्रोदय रात 9 बजकर 27 मिनट पर होगा और अगले दिन यानी कि 16 अगस्त, दिन मंगलवार को सुबह 9 बजकर 4 मिनट पर चंद्रास्त होगा. चंद्रोदय समय के अनुसार, संकष्टी चतुर्थी पर सभी व्रती रात साढ़े 9 बजे के बाद चन्द्र दर्शन कर चंद्रदेव की पूजा कर सकेंगे.