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Akshaya Tritiya 2024( Photo Credit : social media)
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Akshaya Tritiya 2024( Photo Credit : social media)
Akshaya Tritiya 2024: अक्षय तृतीया एक हिन्दू पर्व है जो भारतीय समाज में महत्वपूर्ण माना जाता है. यह पर्व चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है. इस दिन लोग समृद्धि, सौभाग्य, और खुशियों की कामना करते हैं. इस दिन धार्मिक और सामाजिक कार्यों को भी किया जाता है. धर्मिक दृष्टि से, इस दिन को समर्पित किया जाता है और लोग दान-दाना और पूजा-अर्चना करते हैं. अक्षय तृतीया को हिंदू, जैन और सिख धर्म में बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. अक्षय तृतीया से जुड़ी मान्यताएं और परंपराएं क्षेत्रों और समुदायों के अनुसार अलग हो सकती हैं.
अक्षय तृतीया से जुड़ी 11 बड़ी बातें
पौराणिक मान्यताएं
हिंदू धर्म: भगवान विष्णु के छठे अवतार परशुराम का जन्म इस दिन हुआ था. भगवान वेद व्यास का जन्म भी इसी दिन हुआ था. गंगा नदी पृथ्वी पर अवतरित हुई थीं.
जैन धर्म: भगवान ऋषभदेव (पहले तीर्थंकर) का जन्म इस दिन हुआ था. भगवान महावीर (24वें तीर्थंकर) को ज्ञान प्राप्ति हुई थी.
सिख धर्म: छठे गुरु हरगोबिंद सिंह जी का जन्म इस दिन हुआ था.
धार्मिक महत्व: यह हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो भगवान विष्णु के छठे अवतार, परशुराम के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है. भगवान कृष्ण और राधा का विवाह भी इसी दिन हुआ था. गंगा नदी को धरती पर लाने के लिए भगवान भगीरथ ने इसी दिन तपस्या की थी.
दान का महत्व: अक्षय तृतीया को दान-पुण्य का विशेष महत्व होता है. इस दिन किए गए दान को अक्षय माना जाता है, जिसका अर्थ है कि इसका फल अनंत काल तक मिलता रहता है. सोना, चांदी, तांबे, वस्त्र, अनाज आदि का दान करना शुभ माना जाता है.
स्नान और पूजा: इस दिन लोग पवित्र नदियों में स्नान करते हैं और भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं. घरों में विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन किया जाता है. गाय, कन्या, पीपल, तुलसी आदि की पूजा भी की जाती है.
खरीदारी: अक्षय तृतीया को सोना और चांदी खरीदना शुभ माना जाता है. लोग इस दिन नए कपड़े, गहने और अन्य सामान भी खरीदते हैं. माना जाता है कि इस दिन की गई खरीदारी से धन-वैभव में वृद्धि होती है.
तीर्थयात्रा: अक्षय तृतीया को तीर्थयात्रा करना भी बहुत शुभ होता है. लोग इस दिन प्रयागराज, हरिद्वार, बद्रीनाथ, रामेश्वरम आदि तीर्थस्थलों की यात्रा करते हैं.
सामाजिक कार्य: अक्षय तृतीया को गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करना भी पुण्य का काम माना जाता है. लोग इस दिन अनाथालयों, वृद्धाश्रमों और गौशालाओं में दान करते हैं.
भोजन: अक्षय तृतीया के दिन सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए. इस दिन मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए. लोग इस दिन खीर, पूरी, हलवा, दही-बड़े आदि व्यंजन बनाते हैं.
उत्सव: अक्षय तृतीया को कई जगहों पर मेले और उत्सव आयोजित किए जाते हैं. लोग इन उत्सवों में भाग लेकर खुशियां मनाते हैं.
सांस्कृतिक कार्यक्रम: अक्षय तृतीया के दिन कई जगहों पर भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की भक्ति से जुड़े सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. लोग इन कार्यक्रमों में भाग लेकर भक्तिभाव से ओतप्रोत हो जाते हैं.
सकारात्मकता: अक्षय तृतीया को सकारात्मकता और शुभ कार्यों का दिन माना जाता है. लोग इस दिन नए कार्यों की शुरुआत करते हैं और शुभ संकल्प लेते हैं.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
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Source : News Nation Bureau