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Shukr Pradosh Vrat 2022 Shubh Muhurt and Yog: पितृ पक्ष के आखिरी शनिवार को पड़ने जा रहा है प्रदोष व्रत, इन शुभ योगों में की गई पूजा दिलाएगी मनोवांछित वरदान

Ashwin Month Shukr Pradosh Vrat 2022 Shubh Muhurt and Yog: आश्विन माह का प्रदोष व्रत 23 सितंबर 2022, दिन शुक्रवार को पड़ रहा है. यह प्रदोष व्रत शुक्रवार के दिन पड़ रहा है, इसलिए यह शुक्र प्रदोष व्रत कहलाएगा.

Updated on: 22 Sep 2022, 11:11 AM

नई दिल्ली :

Ashwin Month Shukr Pradosh Vrat 2022 Shubh Muhurt and Yog: हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व होता है. प्रदोष व्रत में भगवान शिव की पूजा उपासना की जाती है. पंचांग के अनुसार, आश्विन माह का प्रदोष व्रत 23 सितंबर 2022, दिन शुक्रवार को पड़ रहा है. यह प्रदोष व्रत शुक्रवार के दिन पड़ रहा है, इसलिए यह शुक्र प्रदोष व्रत कहलाएगा. धार्मिक मान्यता है कि शुक्र प्रदोष व्रत सुख और समृद्धि को बढ़ाने वाला होता है. इस दिन व्रत करने तथा भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना करने से धन, संपत्ति, वैभव और सभी प्रकार के भौतिक सुख-सुविधाओं की प्राप्ति होती है. ऐसे में आइए जानते हैं आश्विन माह के शुक्र प्रदोष व्रत के शुभ मुहूर्त और योग के बारे में.  

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शुक्र प्रदोष व्रत 2022 शुभ मुहूर्त (Shukr Pradosh Vrat 2022 Shubh Muhurt) 
पंचांग के अनुसार, 23 सितंबर दिन शुक्रवार को रात 1 बजकर 17 मिनट से आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि शुरू हो रही है. इस तिथि का समापन 24 सितंबर, दिन शनिवार को होगा. प्रदोष व्रत की पूजा सूर्यास्त के बाद करने का विधान है. ऐसे में प्रदोष पूजा का मुहूर्त 23 सितंबर को प्राप्त हो रहा है. इस लिए शुक्र प्रदोष का व्रत 23 सितंबर को रखा जाएगा.

शुक्र प्रदोष व्रत 2022 पूजा मुहूर्त (Shukr Pradosh Vrat 2022 Puja Muhurt)  
शुक्र प्रदोष व्रत की पूजा का शुभ समय 23 सितंबर को शाम को 6 बजकर 17 मिनट से रात 8 बजकर 39 मिनट तक है. ऐसे में व्रती को प्रदोष व्रत पूजा के लिए 2 घंटे का समय प्राप्त होगा.
  
शुक्र प्रदोष व्रत 2022 शुभ योग (Shukr Pradosh Vrat 2022 Shubh Yog)
पंचांग के अनुसार, शुक्र प्रदोष व्रत के दिन सिद्ध और साध्य योग का निर्माण हो रहा है. सिद्ध योग 23 सितंबर को सुबह 9 बजकर 56 मिनट तक है. उसके बाद से साध्य योग लग रहा है, जो कि 24 सितंबर को सुबह 9 बजकर 43 मिनट तक रहेगा. ज्योतिष में ये दोनों ही योग शुभ फलदायक माने जाते हैं. मान्यता है कि ऐसे शुभ योग में शुक्र प्रदोष व्रत की पूजा मनोकामनाओं की पूर्ति और कार्यों में सफलता दिलाने वाली होती है.