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Ashadha Gupt Navratri 2022 Tantra Sadhna Rahasya: 10 महा तांत्रिक सिद्धियों को प्राप्त करने का गुप्त अवसर देती है ये गुप्त नवरात्रि, लेकिन गृहस्थ मनुष्य के लिए है श्राप

Ashadha Gupt Navratri 2022 Mahatva: पंचांग के अनुसार, आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि 30 जून 2022 से शुरू होंगी. दुर्गा सप्तशती के अनुसार गुप्त नवरात्रि, गोपनीय साधनाओं के लिए ज्यादा महत्वपूर्ण मानी जाती है.

Updated on: 29 Jun 2022, 10:32 AM

नई दिल्ली :

Ashadha Gupt Navratri 2022 Mahatva: हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है और इस दौरान 9 दिनों तक दुर्गा मां के अलग-अलग स्वरूपों का पूजन किया जाता है. बता दें कि साल में चार बार नवरात्रि का त्योहार आता है. इनमें से दो बार की नवरात्रि का त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है और इस दौरान घरों और मंदिरों में अलग ही रौनक देखने को मिलती है. वहीं दो गुप्त नवरात्रि होती हैं जो कि माघ और आषाढ़ के महीने में मनाई जाती है. आषाढ़ माह की गुप्त नवरात्रि इस महीने 30 जून को शुरू होगी. दुर्गा सप्तशती के अनुसार गुप्त नवरात्रि, गोपनीय साधनाओं के लिए ज्यादा महत्वपूर्ण मानी जाती है. इसमें बाधाओं का नाश करने का वरदान प्राप्त किया जा सकता है. ऐसे में चलिए जानते हैं गुप्त नवरात्रि के गूढ़ महत्व के बारे में. 

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आषाढ़ माह गुप्त नवरात्रि 2022 महत्व 
गुप्त नवरात्र में तंत्र साधना का विशेष महत्व है. दुर्गा माता को शक्ति का रूप माना जाता है. इसलिए इन दौरान 9 दिनों तक संकल्प लेकर व्रत रखना होता है. इस दौरान प्रत्येक दिन सुबह और शाम को मां दुर्गा की आराधना करनी होती है. इसके साथ अष्टमी या नवमी पर कन्या पूजन कर व्रत तोड़े जाते हैं. गुप्त नवरात्रि में दुर्गा चालीसा और दुर्गा सप्तशती का पाठ भी करना होता है. 

गुप्त रूप से देवी मां और महाशक्ति की आराधना करने के चलते ही इन्हें गुप्त नवरात्र कहा जाता है. गुप्त नवरात्रि में तांत्रिक, साधक या अघोरी तंत्र-मंत्र और सिद्धि प्राप्त करने के लिए मां दुर्गा की साधना करते हैं. गुप्त नवरात्रि में पूजा और मनोकामना जितनी ज्यादा गोपनीय होंगी, सफलता उतनी ही ज्यादा मिलेगी.

इस नवरात्रि में में गुप्त विद्या की सिद्धी हेतु साधना की जाती है. इस नवरात्रि में तंत्र साधना की जाती है जो कि गुप्त होती है और इसलिए इसे गुप्त नवरात्रि कहा जाता है. बता दें कि गुप्त नवरात्रि आमतौर पर तांत्रिक और साधको के लिए होती है. अघोर तांत्रिक गुप्त नवरात्रि में महाविद्याओं को सिद्ध करने के लिए उपासना करते हैं. इसलिए यह दूसरे नवरात्रि से बिल्कुल अलग होती है. गृहस्थ मनुष्य गुप्त नवरात्रि नहीं मनाते.