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Ashadha Gupt Navratri 2022 Puja Vidhi: आडंबर से नहीं बस इस सरल पूजा विधि से करें मां दुर्गा को प्रसन्न, समस्याएं होंगी दूर और बरसेगा धन

Ashadha Gupt Navratri 2022 Puja Vidhi: पंचांग के अनुसार, आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि 30 जून 2022 से शुरू होंगी. इस बार इनकी समाप्ति 09 जुलाई 2022 को होगी. इस दौरान प्रतिपदा से लेकर नवमी तक मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा-अर्चना की जाती है.

Updated on: 29 Jun 2022, 09:28 AM

नई दिल्ली :

Ashadha Gupt Navratri 2022 Puja Vidhi: पंचांग के अनुसार, आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि 30 जून 2022 से शुरू होंगी. इस बार इनकी समाप्ति 09 जुलाई 2022 को होगी. इस दौरान प्रतिपदा से लेकर नवमी तक आदिशक्ति मां दुर्गा की 10 महाविद्याओं मां काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, माता छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, मां धुम्रावती, मां बंगलामुखी, मातंगी और कमला देवी की पूजा-अर्चना की जाती है. गुप्त नवरात्रि में साधक महाविद्याओं के लिए खास साधना करते हैं. आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि विशेष फल देने वाली होती है. देवी मां के दस महाविद्या स्वरूप की साधना से जीवन के कष्टों का समाधान होता है.ऐसे में चलिए जानते हैं आषाढ़ माह की गुप्त नवरात्रि की खास पूजा विधि के बारे में संपूर्ण जानकारी.

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आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 2022 पूजा विधि 
- स्नान आदि करने के बाद स्वच्छ कपड़े पहनें.
- पूजा सामग्री को एकत्रित करें.
- पूजा का थाल सजाएं.
- एक मिट्टी के बर्तन में जौ के बीज बोयें नवमी तक हर दिन इसमें पानी का छिड़काव करें.
- पूर्ण विधि के अनुसार शुभ मुहूर्त में कलश स्थापित करें. 
- इसके लिए पहले कलश में गंगा जल भरें.
- कलश के मुख पर आम की पत्तियां लगाएं और ऊपर नारियल रखें. 
- कलश को लाल कपड़े से लपेंटे और कलावे के माध्यम से उसे बांधें.
- अब इसे मिट्टी के बर्तन के पास रख दें.
- इसके बाद मां दुर्गा की प्रतिमा को स्नान कराकर नए वस्त्र पहनाएं. 
- यदि घर में मां की प्रतिमा नहीं बल्कि फोटो है तो मां को लाल रंग के वस्त्र अर्पित करें.
- मां दुर्गा को लाल पुष्प चढ़ाना चढ़ाएं. 
- सरसों के तेल से दीपक जलाकर 'ॐ दुं दुर्गायै नमः' मंत्र का जाप करें. 
- इस 9 दिनों के दौरान रोजाना पूजा के समय दुर्गासप्तशती का पाठ करना न भूलें. 

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मां की करें आरती
फूल, कपूर, अगरबत्ती, ज्योत के साथ पंचोपचार पूजा करें. नौ दिनों तक मां दुर्गा के मंत्र का जाप करें और माता का स्वागत कर उनसे सुख समृद्धि की कामना करें. अष्टमी या नवमी को दुर्गा पूजा के बाद नौ कन्याओं का पूजन करें और उन्हें तरह तरह के व्यंजनों (पूड़ी, चना, हलवा) का भोग लगाएं. आखिरी दिन दुर्गा पूजा के बाद घट विसर्जन करें. इसमें मां की आरती गाएं, उन्हें फूल और चावल चढ़ाएं और इसके बाद बेदी से कलश को उठाएं.