Soul Journey After Cremation: दाह संस्कार के बाद ऐसे शुरू होती है आत्मा की यात्रा

Soul Journey After Cremation: दाह संस्कार के बाद अच्छी और बुरी दोनों आत्माओं की अपनी-अपनी यात्रा होती है. मृत्यु के बाद कैसे आत्मा अपना सफर तय करती है आइए जानते हैं.

author-image
Inna Khosla
New Update
soul journey after cremation

Soul Journey After Cremation

Soul Journey After Cremation: : दाह संस्कार के बाद आत्मा की यात्रा का वर्णन हिंदू धर्म, पुराणों और ग्रंथों में विस्तार से मिलता है. यह यात्रा आत्मा के कर्मों, उसके जीवन में किए गए अच्छे और बुरे कार्यों और मृत्यु के समय की मानसिक अवस्था पर निर्भर करती है.  हिंदू परंपरा में अंतिम संस्कार के दौरान शव को अग्नि को समर्पित किया जाता है. दाह संस्कार के बाद शरीर की अस्थियां और राख बचती हैं. इन्हें गंगा या किसी पवित्र नदी में प्रवाहित करना धार्मिक अनुष्ठान का हिस्सा होता है. भारतीय दर्शन के अनुसार शरीर नश्वर है लेकिन आत्मा अमर है. अंतिम संस्कार आत्मा को उसके अगले पड़ाव मोक्ष या पुनर्जन्म के लिए मुक्त करता है. मान्यता है कि आत्मा पिंडदान और श्राद्ध कर्म के माध्यम से अपनी यात्रा पूरी करती है.

Advertisment

मृत्यु के तुरंत बाद का समय

मृत्यु के बाद आत्मा शरीर को छोड़ देती है. इसे सूक्ष्म शरीर कहा जाता है, जो इच्छाओं और कर्मों का वहन करता है. मृत्यु के तुरंत बाद आत्मा भ्रमित होती है. वह अपने प्रियजनों और भौतिक संसार से जुड़ी रहती है. आत्मा कुछ समय तक प्रेत लोक में रहती है, जहां वह अपने पूर्व शरीर और परिवार के प्रति आकर्षित होती है.

पिंडदान और श्राद्ध का महत्व

मृत्यु के बाद आत्मा को आगे की यात्रा में शांति और ऊर्जा प्राप्त होती है. यह पिंडदान और तर्पण के माध्यम से संभव है. मृत आत्मा के लिए किए गए श्राद्ध कर्म उसे पितृलोक की ओर ले जाने में सहायक होते हैं.

यमलोक की यात्रा

दाह संस्कार के बाद आत्मा 13 दिनों तक पृथ्वी और यमलोक के बीच यात्रा करती है, जिसे सूक्ष्म यात्रा भी कहा जाता है. कर्मों के आधार पर यमदूत आत्मा को यमलोक ले जाते हैं, जहां यमराज के सामने उसके कर्मों का लेखा-जोखा किया जाता है. अच्छे कर्म करने वाली आत्मा को स्वर्ग में भेजा जाता है जहां उसे सुख और शांति का अनुभव होता है. बुरे कर्म करने वाली आत्मा नरक जाती है जहां उसे अपने पापों का दंड भुगतना पड़ता है. अगर आत्मा ने ज्ञान, तप और भक्ति का मार्ग अपनाया है तो वह जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्त होकर मोक्ष प्राप्त करती है.

पुनर्जन्म (Reincarnation)

कर्मों के आधार पर आत्मा को नया शरीर मिलता है. यह जन्म उसके पिछले कर्मों का परिणाम होता है. आत्मा का पुनर्जन्म तब तक होता है जब तक वह मोक्ष प्राप्त नहीं करती. गरुड़ पुराण के अनुसार, आत्मा की मृत्यु के बाद की यात्रा और कर्मों के फल का विस्तृत वर्णन है. मृत आत्मा सपनों या संकेतों के माध्यम से अपने परिवार के सदस्यों के साथ संवाद करने की कोशिश भी करती है.

यह भी पढ़ें: Antim Sanskar: अंतिम संस्कार के समय शव के सिर पर तीन बार डंडा क्यों मारा जाता है?

Religion की ऐसी और खबरें पढ़ने के लिए आप न्यूज़ नेशन के धर्म-कर्म सेक्शन के साथ ऐसे ही जुड़े रहिए.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

Religion News in Hindi Cremation Story of Souls Hindu religion soul Antim Sanskar Rules journey of soul after death soul facts रिलिजन न्यूज
      
Advertisment