Yamlok: वैज्ञानिकों ने यमलोक खोज लिया है, वहां क्या-क्या होता है और पृथ्वी से कितना दूर है जानिए

Yamlok: क्या आप जानते हैं कि यमलोक कैसे दिखता है, क्या ग्रंथों में बतायी गयी बातें सच हैं. वैज्ञानिकों ने यमलोक की खोज में क्या पाया आइए जानते हैं.

Yamlok: क्या आप जानते हैं कि यमलोक कैसे दिखता है, क्या ग्रंथों में बतायी गयी बातें सच हैं. वैज्ञानिकों ने यमलोक की खोज में क्या पाया आइए जानते हैं.

author-image
Inna Khosla
New Update
Scientists have discovered Yamlok

Scientists have discovered Yamlok

Yamlok: यमलोक और यम के दूतों के बारे में तो अब तक हमने पढ़ा या सुना है. कभी-कभी ये सब काल्पनिक भी लगता है. लेकिन अब इस कल्पना को वैज्ञानिकों ने हकीकत में बदल दिया है. उन्होने यमलोक का पता लगा लिया है. पृथ्वी से यमलोक की दूरी कितनी है, वहां क्या-क्या होता है ये सारी जानकारी वैज्ञानिकों ने अपनी रिसर्च में लिखी है. क्या गरुड़ पुराण या दुनिया के अन्य धर्म ग्रंथों में यमलोक के बारे में जो लिया है उससे वैज्ञानिकों की रिसर्च मेल खाती है. इन सभी सवालों के जवाब एक-एक करके जानेंगे. भगवान श्रीकृष्ण ने गीता में कहा है कि जैसे मनुष्य पुराने वस्त्रों को त्यागकर नए वस्त्र धारण करता है वैसे ही आत्मा पुराने शरीर को छोड़कर नए शरीर को धारण करती है. शरीर की मृत्यु एक न एक दिन अवश्य होती है और पृथ्वी पर कोई भी अमर नहीं रह सकता. 

Advertisment

विश्व के सभी धर्म इस बात को स्वीकारते हैं कि मृत्यु के बाद आत्मा का अस्तित्व बना रहता है.  प्राचीन समय से ही कई ऋषि-मुनियों ने योग की शक्ति से इस रहस्य को समझा भी है.गरुड़ पुराण के अनुसार हमारे शरीर के तीन प्रकार होते हैं. स्थूल शरीर, सूक्षम शरीर और कारण शरीर. पहला, स्थूल शरीर, पंचमहाभूतों (पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु, आकाश) से बना होता है और इस शरीर की मृत्यु होती है. दूसरा, सूक्ष्म शरीर, जिसे आधुनिक विज्ञान में एंटी बॉडी भी कहा जाता है जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता और नई कोशिकाओं को बनाने की क्षमता प्रदान करता है. तीसरा, कारण शरीर या आत्मा का शरीर होता है जो बहुत सूक्ष्म होता है. मृत्यु के बाद आत्मा स्थूल शरीर को त्यागकर सूक्ष्म शरीर के माध्यम से यमलोक की यात्रा करती है.

वैज्ञानिक ने की यमलोक की खोज

2012 में अमेरिकी वैज्ञानिकों ने रिवर स्टाइक्स नाम की एक नदी की खोज शुरू की जो 13 जुलाई 2015 को प्लूटो नामक ग्रह पर खोजी गई. उनकी रिसर्च में ये बताया गया कि ये ग्रह पृथ्वी से लगभग 6 अरब किलोमीटर दूर स्थित है और इसके वातावरण का वर्णन गरुड़ पुराण में वर्णित यमलोक से मेल खाता है. वैज्ञानिकों ने रिसर्च में ये पाया कि प्लूटो की सतह लाल रंग की है और यहां का वातावरण वैसा ही है जैसा कि गरुड़ पुराण में बताया गया है. वैज्ञानिकों ने इस जगह को प्लूटो नाम दिया. उन्होनें ये भी बताया कि इस जगह का वातावरण गरुड़ पुराण में बताए गए यमलोक की यात्रा से भी मिलता-जुलता है. गरुड़ पुराण में वर्णित आत्मा की यात्रा का वर्णन और वैज्ञानिकों द्वारा की गई खोज में अद्भुत समानताएं पाई गई हैं, जो प्राचीन ग्रंथों और आधुनिक विज्ञान के बीच संबंध स्थापित करती हैं.

Religion की ऐसी और खबरें पढ़ने के लिए आप न्यूज़ नेशन के धर्म-कर्म सेक्शन के साथ ऐसे ही जुड़े रहिए.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

Religion News in Hindi garud puran Yamraj रिलिजन न्यूज yamlok
      
Advertisment