Dhanteras 2025: धनतेरस के दिन इन 3 जगहों पर जरूर जलाएं दीपक, नहीं तो होगा अनिष्ट

धनतेरस का दिन शुभ माना जाता है, लेकिन इस दिन दीपक जलाते समय कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है. अगर गलती से दीपक गलत जगह पर जला दिया जाए, तो शुभ फल की जगह अनिष्ट हो सकता है. जानिए किन 3 जगहों पर दीपक जलाना चाहिए.

धनतेरस का दिन शुभ माना जाता है, लेकिन इस दिन दीपक जलाते समय कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है. अगर गलती से दीपक गलत जगह पर जला दिया जाए, तो शुभ फल की जगह अनिष्ट हो सकता है. जानिए किन 3 जगहों पर दीपक जलाना चाहिए.

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Deepak Kumar
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Dhanteras 2025

धनतेरस का त्यौहार हर साल दीपावली से दो दिन पहले मनाया जाता है. इस वर्ष धनतेरस 18 अक्टूबर 2025 यानी आज मनाई जा रही है. यह दिन दीपोत्सव की शुरुआत का संकेत होता है और बहुत शुभ माना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान धनवंतरी और कुबेर देव की पूजा का विशेष महत्व होता है. कहा जाता है कि समुद्र मंथन के दौरान इसी दिन भगवान धनवंतरी अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे. इसीलिए धनतेरस का दिन स्वास्थ्य, धन और समृद्धि से जुड़ा माना जाता है.

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धनतेरस पर दीप जलाने की परंपरा

धनतेरस पर लोग सोना, चांदी, पीतल और तांबे के बर्तन खरीदते हैं, लेकिन इस दिन की सबसे खास परंपरा दीप जलाने की होती है. दीपक को सौभाग्य, सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि का प्रतीक माना गया है. धनतेरस की शाम को तीन स्थानों पर दीपक जलाना अत्यंत शुभ माना जाता है-

  • दक्षिण दिशा में

  • पूजा स्थल पर

  • घर के मुख्य द्वार पर

1. दक्षिण दिशा का दीपक (यम दीपक)

धनतेरस की शाम को दक्षिण दिशा की ओर मुख करके एक चौमुख दीपक जलाया जाता है. इसमें सरसों का तेल डालना शुभ माना जाता है. यह दीपक यमराज को समर्पित होता है, इसलिए इसे ‘यम दीपक’ कहा जाता है. धार्मिक मान्यता है कि इस दीपक को जलाने से अकाल मृत्यु का भय दूर होता है, व्यक्ति को दीर्घायु प्राप्त होती है और घर में सुरक्षा व शांति बनी रहती है.

2. पूजा स्थल का दीपक (लक्ष्मी-कुबेर दीपक)

दूसरा दीपक पूजा स्थल पर देवी लक्ष्मी और कुबेर देव के सामने जलाया जाता है. इसमें घी का दीपक जलाना सबसे शुभ माना जाता है. ऐसा करने से घर में धन और संपत्ति की वृद्धि होती है. पूजा के समय कुबेर मंत्र का जाप करने से शुभ फल कई गुना बढ़ जाते हैं.

3. मुख्य द्वार का दीपक (वास्तु दीपक)

तीसरा दीपक घर के मुख्य द्वार पर जलाया जाता है. इसे दरवाजे के दोनों ओर रखने से इसका प्रभाव और अधिक शुभ हो जाता है. वास्तु शास्त्र के अनुसार यह दीपक घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश कराता है और नकारात्मकता को दूर करता है.

धनतेरस की शाम को इन तीन दीपों का जलाना दीर्घायु, समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक है. दक्षिण दिशा का दीपक जीवन रक्षा देता है, पूजा स्थल का दीपक लक्ष्मी-कुबेर की कृपा लाता है, और मुख्य द्वार का दीपक घर में खुशहाली और ऊर्जा का संचार करता है.

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