Chhath Puja 2025: इस साल कब है छठ पूजा, जानिए नहाय-खाय से लेकर सूर्योदय अर्घ्य की सही तारीख और शुभ मुहूर्त

Chhath Puja 2025: हिंदू पंचांग में तिथियों में ऊपर-नीचे होने की वजह से छठ मनाने में भी लोगों के मन में भ्रम की स्थिति बन जाती है. ऐसे में चलिए जानते हैं कि छठ पूजा कब है.

Chhath Puja 2025: हिंदू पंचांग में तिथियों में ऊपर-नीचे होने की वजह से छठ मनाने में भी लोगों के मन में भ्रम की स्थिति बन जाती है. ऐसे में चलिए जानते हैं कि छठ पूजा कब है.

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Akansha Thakur
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Chhath Puja 2025

Chhath Puja 2025

Chhath Puja 2025: हिंदू धर्म के लिए कार्तिक मास पावन त्योहारों से  भरा होता है. 21 अक्टूबर को कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि की समाप्ति के उपरांत शुक्ल पक्ष आज यानी मंगलवार से शुरु हो रहा है. इसके साथ ही घर में लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा 2025 की तैयारी शुरु हो गई है. हिंदू पंचांग में तिथियों में ऊपर-नीचे होने की वजह से छठ मनाने में भी लोगों के मन में भ्रम की स्थिति बन जाती है. ऐसे में चलिए जानते हैं कि छठ पूजा कब है और नहाय-खाय से लेकर सूर्योदय अर्घ्य के शुभ मुहूर्त के बारे में. 

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कब है छठ पूजा? (Chhath Puja 2025) 

कार्तिक माह के शुक्ल  पक्ष की चतुर्थी से लेकर सप्तमी तक चार दिनों तक मनाया जाने वाला पर्व छठ पूजा इस बार 25 अक्टूबर से शुरू होगा और यह 28 अक्टूबर को समाप्त होगा. देवी छठी मैया सूर्य देव की बहन और शक्ति स्वरूप हैं. मान्यता है कि छठी मैया की पूजा करने से परिवार की रक्षा, सफलता और लंबी आयु का आशीर्वाद मिलता है. 

नहाए खाए

छठ पूजा का पहला दिन नहाए-खाए होता है. छठ पूजा के पहले दिन घर,  नदी या तालाब में सन्ना किया जाता है. इस बार नहाए-खाए 25 अक्टूबर को मनाया जाएगा. नहाए-खाए के दिन सूर्योदय  सुबह 06 बजकर 28 मिनट पर और सूर्यास्त शाम 05 बजकर 42 मिनट पर होगा. 

खरना 

छठ पूजा का दूसरा दिन खरना का होता है. इस बार खऱना 26 अक्टूबर को मनाया जाएगा. सूर्योदय 06 बजकर 29 मिनट और  सूर्यास्त 05 बजकर 41  मिनट पर होगा. बता दें कि छठ पूजा के दूसरे दिन निर्जला व्रत रखा जाता है. दिनभर बिना जल और अन्न के रहने के बाद शाम को सूर्यास्त के समय गुड़ और चावल की खीर या पूड़ी का प्रसाद खाया जाता है. इसी के साथ 36 घंटे निर्जला व्रत की शुरुआत होती है. 

षष्ठी-संघ्या अर्घ्य 

षष्ठी-संघ्या अर्घ्य छठ पूजा के तीसरे दिन है. इस बार  षष्ठी-संघ्या 27 अक्टूबर को मनाया जाएगा.इस दिन व्रती नदी या तालाब के किनारे घाट पर इकट्ठा होते हैं. शाम के समय सूर्यास्त होते ही व्रती डूबते सूर्य को अर्घ्य देते हैं और छठी मैया की पूजा करते हैं. इस दिन बांस की टोकरी में ठेकुआ, नारियल, फल और अन्य पारंपरिक प्रसाद सजाए जाते हैं. इस दिन सूर्योदय 06 बजकर 30 मिनट और सूर्यास्त 05 बजकर 40 मिनत पर होगा.   

उषा अर्घ्य और पारण 

छठ पूजा के अंतिम दिन उषा अर्घ्य और पारण का दिन है. इस दिन व्रती सूर्योदय से  पहले घाट पर पहुंचते हैं और उगते हुए सूर्य को दूसरा और अंतिम अर्घ्य देते हैं. इसके बाद प्रसाद ग्रहण कर व्रत का पारण किया जाता है. इस बार उषा अर्घ्य और पारण 28 अक्टूबर 2025 को मनाया जाएगा.

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