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दिवाली के बाद पूरे उत्तर भारत में लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा मनाने की तैयारियां जोरों पर हैं. यह पर्व सूर्य देव और छठी मैया की उपासना के लिए समर्पित होता है. इस बार छठ पूजा का शुभारंभ आज (25 अक्टूबर) से हो रहा है और 28 अक्टूबर (मंगलवार) को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ इसका समापन होगा.
बता दें कि छठ का पहला दिन नहाय-खाय कहलाता है. इस दिन व्रती स्नान-ध्यान कर स्वयं को पवित्र करते हैं और सात्विक भोजन ग्रहण करते हैं. इसी के साथ छठ व्रत की शुरुआत होती है. इस दिन से ही व्रती शुद्धता, सात्त्विकता और संयम का पालन करते हुए सूर्य देव और छठी मैया की उपासना शुरू करते हैं.
नहाय-खाय पर दान का विशेष महत्व
छठ पूजा में दान का विशेष स्थान माना गया है. मान्यता है कि नहाय-खाय के दिन दान करने से छठी मैया का आशीर्वाद मिलता है और जीवन में सुख-शांति बनी रहती है. इस दिन ये चीजें दान करना शुभ माना गया है-
चावल- साधारण चावल या अरवा चावल दान करने से घर में समृद्धि आती है.
दूध, दही, घी- इन सात्त्विक वस्तुओं के दान से शांति और सकारात्मकता बढ़ती है.
चना दाल, मूंग दाल, केले, पपीते, पीले वस्त्र- इनका दान करने से देवगुरु बृहस्पति प्रसन्न होते हैं और मान-सम्मान में वृद्धि होती है.
गुड़ और लाल वस्त्र- इनका दान करने से सूर्य देव की कृपा मिलती है, जिससे करियर और कारोबार में उन्नति होती है.
कद्दू का दान- इसे अत्यंत शुभ माना गया है. कद्दू को सूर्य देव और छठी मैया को चढ़ाने से पुण्यफल प्राप्त होता है.
गन्ना, हरे फल और हरी सब्जियां- इन वस्तुओं के दान से बुध ग्रह की कृपा मिलती है, जिससे आर्थिक स्थिति मजबूत होती है.
छठ पूजा 2025 की महत्वपूर्ण तिथियां
पहला दिन- 25 अक्टूबर (शनिवार): नहाय-खाय
दूसरा दिन- 26 अक्टूबर (रविवार): खरना
तीसरा दिन- 27 अक्टूबर (सोमवार): डूबते सूर्य को अर्घ्य
चौथा दिन- 28 अक्टूबर (मंगलवार): उगते सूर्य को अर्घ्य और पारण
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. न्यूज नेशन इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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