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Saraswati Puja 2024: ...तो छात्र इसलिए मां सरस्वती की पूजा करते हैं?

Saraswati Puja 2024: आज इस खास मौके पर हम आपको बताएंगे कि मां सरस्वती की पूजा क्यों की जाती है और पढ़ने वाले छात्र ही क्यों ज्यादा पूजा करते हैं.

Updated on: 14 Feb 2024, 07:50 AM

नई दिल्ली:

Saraswati Puja 2024: आज यानी बुधवार को देशभर में मां सरस्वती की पूजा की जा रही है. बसंत पंचमी के मौके पर देशभर में छात्र अपने उज्ज्वल भविष्य के लिए आशीर्वाद मांग रहे हैं. वहीं स्कूल और कोचिंग सेंटर भी मां सरस्वती की प्रतिमा की पूजा की जा रही हैं. आज इस खास मौके पर हम आपको बताएंगे कि मां सरस्वती की पूजा क्यों की जाती है और पढ़ने वाले छात्र ही क्यों ज्यादा पूजा करते हैं. तो चलिए बिना समय बर्बाद किए हम आपको इसका सटीक जवाब बताते हैं. मां सरस्वती की पूजा हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण परंपरा है. सरस्वती देवी विद्या, बुद्धि, कला, और संगीत की देवी मानी जाती हैं. उन्हें सर्वश्रेष्ठ गुणों का प्रतीक माना जाता है और उन्हें पूजने से विद्या, बुद्धि, और कला में वृद्धि होती है.

कैसे पूजा की जाती है? 

मां सरस्वती की पूजा को विशेष रूप से बसंत पंचमी के दिन की जाती है, जो कि सरस्वती जयंती के रूप में भी मनाई जाती है. इस दिन लोग उनकी पूजा-अर्चना करते हैं और उनके नाम से विद्या-बुद्धि की प्राप्ति का आशीर्वाद मांगते हैं. सरस्वती पूजा का महत्व यहां इसलिए है कि विद्या और बुद्धि को प्राप्त करने का माध्यम विद्यार्थियों को प्राप्त होता है. इस पूजा में विद्यार्थियों को स्नान कराकर, पुष्प, अदरक, चंदन, सुपारी, सुगंधित धूप, और नैवेद्य की विशेष प्रसादों से सरस्वती मां की पूजा की जाती है.

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पूजा छात्र क्यों ही करते हैं?

इसके अलावा, विद्यार्थियों को इस दिन विद्या के पुस्तकों की पूजा भी कराई जाती है. विद्यालयों और कॉलेजों में भी इस दिन विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं जिनमें विद्यार्थियों का बुद्धि के द्वारा पूजन और सम्मान किया जाता है. इस पूजा का महत्व है क्योंकि यह विद्यार्थियों को पढ़ाई और उनके शिक्षा कार्य में सफलता की प्राप्ति में मदद करता है, और उन्हें सरस्वती माँ के आशीर्वाद से प्रेरित करता है. इसके साथ ही यह पूजा लोगों को यह याद दिलाती है कि विद्या और बुद्धि को सम्मानित करना कितना महत्वपूर्ण है. आपने देखा होगा कि जो भी पढ़ा-लिखा व्यक्ति होता है, वो इस दिन को कभी भूल नहीं सकता है. वो अपने घर में या किसी पूजा पंडाल में जाकर पूजा करता है.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)