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Mysterious Cave: यहां है शिव का रहस्यमयी मंदिर,निकलता है पाताल लोक का रास्ता!

भारत में अगर मंदिरों और गुफा की बात की जाए, तो यहां कई रहस्यमयी मंदिर और गुफाएं है

Updated on: 08 Feb 2023, 08:13 PM

नई दिल्ली :

Mysterious Cave : भारत में अगर मंदिरों और गुफा की बात की जाए, तो यहां कई रहस्यमयी मंदिर और गुफाएं है, जिनको आप शायद ही जानते होंगे. कई ऐसे मंदिर हैं, जिनका वैज्ञानिक भी आज तक पता नहीं लगा पाएं हैं. इन्हीं मंदिरों में से एक उत्तराखंड के पिथौरागढ़ का मंदिर शामिल है. ऐसा कहा जाता है, कि इस गुफा में दुनिया के खत्म होने का रहस्य छुपा है. लेकिन इसकी सच्चाई क्या है, इसके बारे में किसी को भी नहीं पता है. तो आइए आज हम आपको अपने इस लेख में विस्तार से बताएंगे कि आखिर इसके पीछे का रहस्य क्या है. 

इस रहस्यमयी गुफा का नाम पाताल भुवनेश्वर है. ये गुफा पिथौरागढ़ जिले में स्थित है. इस गुफा के बारे में सनातन धर्म में उल्लेख किया गया है. ऐसा माना जाता है कि इस गुफा में खत्म होने का राज छिपा है. ये बेहद रहस्यमयी गुफा है. आपको गुफा से होकर ही इस मंदिर में आना-जाना पड़ता है. यह गुफा समुद्र तल से 90 फीट गहरी है. अगर आप जब भी इस गुफा के अंदर मंदिर की तरफ जाएंगे, तो हाथी की कलाकृति आपको देखने को मिलेगी. कहते हैं, कि नागों के राजा अधिशेष ने दुनिया का भार अपने शीश पर संभाला हुआ है. 

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इस मंदिर में हैं चार दरवाजें
पुराणों के अनुसार, मंदिर में मंदिर में पहला रणद्वार, दूसरा पापद्वार, तीसरा धर्मद्वार और चौथा मोक्षद्वार है. ऐसा बताया जाता है कि जब रावण मरा था, तब पाप का दरवाजा बंद हो गया था और कुरुक्षेत्र में महाभारत के बाद रणद्वार बंद कर दिया गया था. 
अगर स्कंदपुराण के अनुसार, बात कि जाए तो पाताल भुवनेश्वर गुफा मंदिर में भगवान शिव रहते हैं. इसी मंदिर में सभी देवी-देवता भगवान शिव की पूजा करने भी आते हैं. 

किसने किया इस मंदिर का खोज 
पुराणों में इस रहस्यमयी मंदिर की खोज सूर्य वंश के राजा ऋतुपर्णा ने की थी. त्रेतायुग में ऋतुपर्णा ही अयोध्या में शासन किया करते थे. तभी इसी स्थान पर नागों के राजा अधिशेष और ऋतुपर्णा की मुलाकात हुई थी और नागों के राजा इस गुफा के अंदर राजा ऋतुपर्णा को लेकर गए थे और उन्हें भगवान शिव के दर्शन मिले थे. इसके बाद पांडवों ने द्वापर युग में इस रहस्यमयी गुफा को खोजा था और यहां पूजा करने आया करते थे.