Mahashivratri 2023 : जानिए कहां-कहां विराजमान हैं भारत के चमत्कारी शिवलिंग, जरूर करें दर्शन
भगवान शिव की चतुर्दशी, सोमवार, शिवरात्रि और महाशिवरात्रि के दिन विशेष पूजा-अर्चना की जाती है.
नई दिल्ली :
Mahashivratri 2023 : भगवान शिव की चतुर्दशी, सोमवार, शिवरात्रि और महाशिवरात्रि के दिन विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. इसके साथ पूरे श्रावण मास में भी इनकी खास पूजा होती है. भारत में तो ऐसे कई चमत्कारिक शिवलिंग विराजमान हैं. जिसके चमत्कार का आजतक वैज्ञानिक भी पता नहीं लगा पाएं हैं. तो ऐसे में आइए आज हम आपको अपने इस लेख में 10 ऐसे चमत्कारिक शिवलिंग के बारे में बताएंगे, जिनका आपको एक बार जरूर दर्शन करना चाहिए, इससे आपके जीवन के सभी पाप, दुख नष्ट हो जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है.
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1.इस शिवलिंग में अपने आप जलाभिषेक होता है
झारखंड के रामगढ़ में एक एक शिव मंदिर है, जो टूटी झरना के नाम से प्रसिद्ध है. इस बात को जानकर आपको हैरानी होगी, कि यहां 24 घंटे अपने आप ही शिवलिंग पर जलाभिषेक होता रहता है. साक्षात मां गंगा की एक प्रतिमा यहां पर मौजूद , जिनके नाभि से अपने आप पानी की धारा शिवलिंग पर गिरता है. इस मंदिर की जानकारी आपको पुराणों में मिल सकती है.
2.बिजली महादेव
हिमाचल के कुल्लू में एक शिव मंदिर स्थित है. जहां 12 साल के बाद शिवलिंग पर बिजली गिरती है और बिजली से शिवलिंग खंडित हो जाता है. लेकिन पुजारी इसे मक्खन से वापस जोड़ देते हैं. जो अपने आप एक ठोस शिवलिंग बन जाता है. इसलिए ये शिवलिंग बिजली नाम से प्रसिद्ध है.
3. एक ऐसा शिवलिंग जो बदलता है रंग
राजस्थान के धौलपुर में शिवलिंग का चमत्कार ऐसा है कि वह रोजाना रंग बदलता रहता है. सुबह शिवलिंग का रंग लाल, दोपहर में केसरिया और शाम को सांवला हो जाता है. ये शिवलिंग हजारों साल पुराना माना जाता है.
4.भोजेश्वर महादेव मंदिर
ये शिवलिंग मध्यप्रदेश में स्थित है. यह शिवलिंग बेहद अद्धभुत और विशाल है. ये शिवलिंग विश्व का सबसे प्राचीन शिवलिंग माना जाता है.
5.लक्षलिंग महादेव मंदिर
ऐसी कहा जाता है कि इस शिवलिंग में एक लाख छेद है. एक छेद पाताल तक जाता है और एक छेद हमेशा पानी से भरा रहता है. इस शिवलिंग पर जो भी जल अर्पित करता है,वह जल सीधे पाताल तक जाता है. इस शिवलिंग पर जितना भी जल अर्पित किया जाता है, उतना कम पड़ता है.
6.मृतेश्वर शिवलिंग
ये शिवलिंग गुजरात में स्थित है. ऐसी मान्यता है कि जिस दिन ये शिवलिंग आकार में 8.5 फूट का हो गया और मंदिर की छत से टकरा गया, तो प्रलय ना निश्चित है. ऐसा कहा जाता है कि शिवलिंग का आकार एक साल मेंएक चावल के दाने के बराबर बढ़ता है और इस जल से अपनेआप जल की धारा निलकती है.
7.मातंगेश्वर शिवलिंग
यह शिवलिंग हर साल तिल के बराबर बढ़ता है. ऐसा कहा जाता है कि इस शिवलिंग की पूजा भगवान राम ने की थी. इस शिवलिंग की ऐसी मान्यता है कि ये एक तरफ से पाताल लोग की ओर और एक तरफ से स्वर्ग लोक की ओर बढ़ता है. जब ये पाताल लोक तक पहुंच जाएगा, उस दिन कलियुग का अंत निश्चित है.
8.स्तंभेश्वर मंदिर
ये मंदिर गुजरात में स्थित है. ये मंदिर सुबह और शाम में लगभग दो बार पलक झपकते ही गायब हा जाता है.
9. निष्कलंक महादेव मंदिर
ये मंदिर गुजरात में स्थित है. यहां रोजाना सागर की लहरें शिवलिंग पर जलाभिषेक करने आती हैं. समुद्र में ज्वार भाट के समय केवल मंदिर का ध्वज ही नजर आता है.
10.तिलभांडेश्वर मंदिर
इस मंदिर में शिवलिंग भी एक साल में तिल के बराबर बढ़ता है. ये छत्तीगढ़ के रायपुर जिले में स्थित है.
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