Madhya Pradesh Temples : देखें मध्यप्रदेश की ये अद्भुत मंदिर, जहां शिवलिंग को ताजा चिता की राख से कराया जाता है स्नान
व्यक्ति के जीवन में कई ऐसा समय आता है
नई दिल्ली :
Madhya Pradesh Temples : व्यक्ति के जीवन में कई ऐसा समय आता है, जब हम ईश्नर का आशीर्वाद लेने के लिए छुट्टी का बड़ी बेसब्री से इंतजार करते हैं. अपने उदास आत्मा को दिलासा दिलाने के लिए और सभी चुनौतियों का डटकर सामना करने के लिए शक्ति प्राप्त करते हैं. अब ऐसे में अगर आप धार्मिक यात्रा करने की सोच रहे हैं, तो ये लेख आपके लिए ही है. तो आइए आज हम आपको अपने इस लेख में मध्यप्रदेश के प्रसिद्ध यात्रा स्थल के बारे में विस्तार से बताएंगे, जिससे आपका फिर सकारात्मकता से परिपूर्ण हो जाएगा.
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एक ऐसा मंदिर, जहां ताजा चीता की आग से शिवलिंग को कराया जाता है स्नान
उज्जैन पवित्र शहरों में से एक है. ये सभी हिंदूओं के लिए महान धार्मिक महत्व रखता है. ये महाकालेश्वर नाक ज्योतिर्लिगों में से एक है. ये रुद्रसागर झील के तट पर स्थित है. साथ ही ये 18 महाशक्ति पीठों में से एक है. शिवपुराण के अनुसार, यह वहीं स्थान है, जहां भगवान शिव अपने महाकाल रूप में प्रकट हुए थे, जिससे दुषाण नामक राक्षस का वध किया जा सके. ये उज्जैन के लोगों पर अत्याचार करता था. इसलिए इसे मारने के लिए भगवान शिव ने ज्योतिर्लिंग का रूप धारण किया था और इसी पवित्र शहर में रहने लग गए थे. महाकालेश्वर ही एकमात्र ऐसा मंदिर है, जहां शिवलिंग दक्षिण दिशा की ओर है और उसमें गर्भगृह के ऊपर छत पर एक श्री यंत्र भी है. महाशिवरात्रि के दौरान, यहां विशाल मेला का आयोजन किया जाता है. जो पूरी रात भर चलती है. संध्या के समय भस्म आरती की जाती है, जो मुख्य आकर्षण का केंद्र बनता है. इस दौरान शिवलिंग को ताजा चिता की राख से स्नान कराया जाता है.
कुएं में छिपाकर रखा गया ज्योतिर्लिंग
ऐसा कहा जाता है कि 1235 में महाकालेश्वर मंदिर को दिल्ली के सुल्तान इल्तुतमिश ने ध्वस्त कर दिया था. जहां आक्रमण के दौरान महाकाल मंदिर के गर्भगृह में स्थित स्वयंभू ज्योतिर्लिंग की सुरक्षा में 500 साल तक पास में बनें कुएं में रखा गया था. वहीं औरंगजेब ने मंदिर के अवशेषों से एक मस्जिद का निर्माण भी करा दिया था. तब रणोजी नामक बाबा ने ही महाकाल ज्योतिर्लिंग को तीर्थ कुंड से बाहर निकालकर उसका पुन:निर्माण कराया था.
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