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Navagraha Aarti: वैशाख महीने में नवग्रह की रोजाना करेंगे ये आरती, जीवन में बनी रहेगी शांति

नवग्रहों की शांति के लिए आरती (navgraha aarti) बेहद अच्छा उपाय है. अगर आप इस आरती को रोजाना करते हैं तो किसी भी काम में आ रही रुकावटें टल जाएंगी और आपके काम बिना किसी बाधाओं (navagraha aarti hindi) के हो सकेंगे.

Updated on: 20 Apr 2022, 09:48 AM

नई दिल्ली:

हर ग्रह को प्रसन्न करने के अलग-अलग तरीके होते हैं. सारे ग्रहों (navgraha aarti hindi lyrics) को एक साथ इस एक आरती से प्रसन्न किया जा सकता है. अगर आपकी जन्म कुंडली में किसी तरह से ग्रहों से जुड़ी परेशानी (navgrah aarti lyrics) है तो आप नवग्रहों की शांति के लिए आरती कर सकते हैं. तो, चलिए रोजाना की पूजा के साथ नवग्रह की ये आरती पढ़ने का संकल्प लें. हर ग्रह की शुभ दृष्टि प्राप्त करें. नवग्रहों की शांति के लिए ये बेहद अच्छा उपाय है. अगर आप इस आरती को रोजाना करते हैं तो किसी भी काम में आ रही रुकावटें टल जाएंगी और आपके काम बिना किसी बाधाओं (navagraha aarti hindi) के हो सकेंगे.

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नवग्रह की आरती (navgrah aarti)

नवग्रह हैं देव हमारे , मिलकर आये हैं सारे । 
जिनकी करें हैं हम आरती । 
भानुजी , हम सब उतारें तेरी आरती ॥ 

मण्डल मध्य सूर्यदेव हैं , रक्त वर्ण है जिनका । 
सबको दे प्रकाश हरें अन्धकार सभी जन - जन का । 
महिमा है इनकी न्यारी , सारे जग के रखवारी ।  
जिनकी करें हैं हम आरती ।
भानुजी , हम सब उतारें तेरी आरती ॥ 

पूर्व दिशा में शुक्र देव हैं सुन्दर रूप विराजे । 
ईशान कोण और अग्नि कोण में बुध चन्द्रमा साजे ॥ 
जो इनकी पूजा करता , लक्ष्मी से पूरा भरता ॥ 
जिनकी करें हैं हम आरती ।
भानुजी , हम सब उतारें तेरी आरती ॥ 

उत्तर दिशा में बृहस्पति जो देव गुरु कहलाये । 
दक्षिण दिशा में भूमिपुत्र श्री भौम रूप धर आये । 
महिमा है इनकी न्यारी , झोली नित भरें हमारी । 
जिनकी करें हैं हम आरती ।
भानुजी , हम सब उतारें तेरी आरती ॥ 

पश्चिम दिशा में तीन देव हैं , शक्ति जिनकी भारी । 
राहु , केतु और शनिदेव नित रक्षा करें हमारी ॥ 
मूरति है जिनकी काली , सारे जग के यह वाली । 
जिनकी करें हैं हम आरती ।
भानुजी , हम सब उतारें तेरी आरती ॥ 

अधिदेव , प्रत्याधिदेव , दिग्पाल देव सब साजें । 
'ओंकार ' ब्रह्मा विष्णु शिव मण्डल बीच विराजे ॥ 
सृष्टि के जीवन दाता , जन - जन के भाग्य विधाता ॥ 
जिनकी करें हैं हम आरती ।
भानुजी , हम सब उतारें तेरी आरती ॥