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Dhanvantari Ji Aarti: भगवान धन्वन्तरि जी की करेंगे ये आरती, सारी मनोकामनाएं होंगी पूरी और शरीर हो जाएगा निरोगी

भगवान धन्वन्तरि जी (lord dhanvantari) की पूजा खास तौर से धनतेरस के दिन की जाती है. कहा जाता है कि धन्वंतरि जी की पूजा (dhanvantari ji aarti) करने से व्यक्ति निरोग रहता है. भगवान की पूजा के बाद आरती करने से भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं.

Updated on: 21 Apr 2022, 11:29 AM

नई दिल्ली:

भगवान धन्वन्तरि जी (lord dhanvantari) की पूजा खास तौर से धनतेरस के दिन की जाती है. कहा जाता है कि धन्वंतरि जी की पूजा (bhagwan dhanvantari) करने से व्यक्ति निरोग रहता है, जबकि कुबेर और लक्ष्मी जी की कृपा से इंसान को सुख, शांति और समृद्दि की प्राप्ति होती है. इनकी आरती करने से काम में 13 गुना वृद्धि होती है. भगवान की पूजा के बाद आरती (dhanvantari dev ki aarti) करने से भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं. 

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भगवान धन्वन्तरि जी की आरती (dhanvantari aarti in hindi)

ॐ जय धन्वन्तरि देवा, स्वामी जय धन्वन्तरि जी देवा।
जरा-रोग से पीड़ित, जन-जन सुख देवा।।
स्वामी जय धन्वन्तरि देवा, ॐ जय धन्वन्तरि जी देवा ॥

तुम समुद्र से निकले, अमृत कलश लिए।
देवासुर के संकट आकर दूर किए।।
स्वामी जय धन्वन्तरि देवा, ॐ जय धन्वन्तरि जी देवा॥

आयुर्वेद बनाया, जग में फैलाया।
सदा स्वस्थ रहने का, साधन बतलाया।।
स्वामी जय धन्वन्तरि देवा, ॐ जय धन्वन्तरि जी देवा॥

भुजा चार अति सुंदर, शंख सुधा धारी।
आयुर्वेद वनस्पति से शोभा भारी।।
स्वामी जय धन्वन्तरि देवा, ॐ जय धन्वन्तरि जी देवा॥

तुम को जो नित ध्यावे, रोग नहीं आवे।
असाध्य रोग भी उसका, निश्चय मिट जावे।।
स्वामी जय धन्वन्तरि देवा, ॐ जय धन्वन्तरि जी देवा॥

हाथ जोड़कर प्रभुजी, दास खड़ा तेरा।
वैद्य-समाज तुम्हारे चरणों का घेरा।।
स्वामी जय धन्वन्तरि देवा, ॐ जय धन्वन्तरि जी देवा॥

धन्वंतरिजी की आरती जो कोई नर गावे।
रोग-शोक न आए, सुख-समृद्धि पावे।।
स्वामी जय धन्वन्तरि देवा, ॐजय धन्वन्तरि जी देवा॥