दिल के मरीजों के लिए आई अच्छी खबर, केंद्र सरकार ने दी इस फैसले को मंजूरी
केंद्र सरकार ने मेड इन इंडिया हार्ट वाॅल्व लगाने की मंजूरी दे दी है.
नई दिल्ली:
दिल के मरीजों (हार्ट वाॅल्व की समस्या वालों,Heart Valve Problems)के लिए अच्छी खबर है. केंद्र सरकार ने मेड इन इंडिया हार्ट वाॅल्व(Made in India Heart Valve) लगाने की मंजूरी दे दी है. इसका फायदा यह होगा कि हार्ट वाॅल्व रिप्लेसमेंट सर्जरी अब 10 लाख रुपए तक सस्ती हो जाएगी. बिना ओपन हार्ट सर्जरी के पैर की नस से वाॅल्व लगाया जाएगा. निजी अस्पतालों में विदेशी हार्ट वाॅल्व रिप्लेसमेंट सर्जरी करीब 25 लाख रुपए में होती थी. मगर अब यह सर्जरी 12 से 15 लाख में हो सकेगी.
सस्ते होने के साथ मिलेगी बेहतर क्वालिटी
विशेषज्ञों का कहना है कि जब लगातार यह वाॅल्व इस्तेमाल किए जाएंगे तो इनकी कीमत और कम होगी. वाॅल्व सस्ते होने के साथ-साथ बेहतर क्वालिटी के भी हैं. इंवेस्टीगेटर टीम, एथिक्स कमेटी और डीजीसीआई (ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया) की रिपोर्ट के बाद केंद्र सरकार ने पिछले साल अक्टूबर के अंतिम हफ्ते में इसे मंजूरी दी थी.
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इंटरनेशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ रविन्द्र शर्मा का कहना है कि विदेशी कंपनियों का हर साल का 100 करोड़ रुपए से भी अधिक का काराेबार हार्ट वाॅल्व का है. ऐसे में जब मेड इन इंडिया वाॅल्व लगने शुरू होंगे तो वे कड़ी टक्कर देने की कोशिश करेंगे. जानकारों की मानें तो सिर्फ अगले दो साल के अंदर विदेशी वाॅल्व की खपत आधी रह जाएगी. ओपन हार्ट सर्जरी में सीना खोलकर और हार्ट को बाइपास मशीन पर रखकर वाॅल्व बदला जाता है. टीवीएआई (ट्रांस कैथ्रेटर एरोटिक वाल्व इंप्लांटेशन) तकनीक में बिना चीर-फाड़ के पैर की नस के जरिए वाॅल्व डाला जाता है. चार हार्ट वाॅल्व होते हैं. इनका काम एक दिशा में रक्त का प्रवाह बनाए रखना होता है. जब 1 या ज्यादा वाॅल्व लीक करने लगते हैं तो खून वापस आने लगता है.
सबसे ज्यादा 11 ट्रायल राजस्थान में हुए
इंवेस्टीगेटर टीम के 4 सदस्यों में 2 जयपुर के, यहां सर्वाधिक 11 ट्रायल ----
डॉ रविन्द्र शर्मा ने जानकारी देते हुए कहा कि वाॅल्व लगाने के लिए देशभर से 65 मरीज चुने गए थे. जिसके लिए चार सदस्यों की इंवेस्टीगेटर टीम बनी. इस चार सदस्यीय टीम में जयपुर के दो डॉक्टर थे. सबसे ज्यादा ट्रायल राजस्थान में हुए. यहां 11 ट्रायल किए गए. उन्होंने बताया कि 30 जून 2017 को पहला वॉल्व लगाया गया था जिसकी डेढ़ साल मॉनीटरिंग की गई.
जयपुर के निजी अस्पताल में होगा पहला रिप्लेसमेंट
इंटरनेशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ रविन्द्र शर्मा ने बताया कि इंडियन हार्ट वाल्व निजी हॉस्पिटल में 22 जनवरी को लगाया जाएगा. गोवा के मरीज की यह रिप्लेसमेंट सर्जरी डॉ. रविन्द्र सिंह राव करेंगे. डॉ. रविन्द्र सिंह राव ने बताया कि 65-70 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए यह बेहतर तकनीक है. इसके तीन फायदे हैं. पहला- हार्ट ओपन नहीं करना पड़ता तो खतरा 80% कम होता है. दूसरा एक सप्ताह के बाद व्यक्ति सभी काम कर सकता है. तीसरा इंफेक्शन का खतरा भी कम हो जाता है.
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