मुंबई, 27 मई (आईएएनएस)। महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने मंगलवार को भारी बारिश की वजह से पैदा हुई अव्यवस्था को राज्य सरकार की विफलता का नतीजा बताया। उन्होंने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में कहा कि सरकार ने अपने कामों के प्रति बिल्कुल भी गंभीरता नहीं बरती, सिर्फ लीपापोती वाला काम किया। बारिश आने से पहले दिखाने के लिए थोड़ा बहुत काम किया। इसके बाद सब कुछ छोड़ दिया। इस वजह से ऐसी स्थिति पैदा हुई।
हर्षवर्धन सपकाल ने कहा कि अगर सरकार ने सभी काम गंभीरतापूर्वक किए होते, तो निश्चित तौर पर इस तरह की स्थिति पैदा नहीं होती। सरकार ने बड़े पैमाने पर अपने काम में कोताही बरती, जिसका नतीजा हुआ कि आज मुंबई पानी-पानी हो गई।
उन्होंने निर्धारित समय से पहले मानसून आने के सरकार के तर्क को भी सिरे से खारिज कर दिया। कहा कि मानसून अपने नियत समय पर आया है। सरकार यह सब तर्क अपनी विफलता छुपाने के लिए दे रही है। सरकार यह मानने को तैयार ही नहीं हो रही है कि उन्होंने अपने काम के प्रति बिल्कुल भी गंभीरता नहीं बरती।
इसके अलावा, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने मुंबई में कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि सरकार को इस दिशा में गंभीरतापूर्वक काम करना चाहिए और कोरोना के मामलों में कमी लाने का प्रयास करना चाहिए। सरकार को अपनी स्वास्थ्य व्यवस्था दुरुस्त रखनी चाहिए, ताकि अगर किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति पैदा हो, तो उसका तुरंत सामना किया जा सके। लेकिन, मौजूदा सरकार के समय में जिस तरह की लापरवाही बरती जा रही है, उसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता।
उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता को लेकर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर जिस तरह की बातें मौजूदा समय में की जा रही हैं, उसे लेकर केंद्र सरकार को अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस का दावा है कि सरकार ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बारे में पाकिस्तान को पहले ही चेतावनी दी थी। लेकिन, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इसे सिरे से खारिज कर दिया और कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के लॉन्च होने के 30 मिनट के बाद पाकिस्तान को इसके बारे में जानकारी दी गई।
उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की कथित मध्यस्थता को लेकर भी अपनी बात रखी। कांग्रेस नेता ने कहा कि इस सैन्य ऑपरेशन को पाकिस्तान की अपील के बाद रोका गया। इसमें अमेरिकी राष्ट्रपति की कोई भूमिका नहीं थी।
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