कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो को भारत विरोध काफी महंगा पड़ा. आखिरकार उन्हें पीएम पद छोड़ना ही पड़ा. हालांकि इसके पीछे उन्होंने आतंरिक वजह बताई हैं. अपने विदाई भाषण में शुक्रवार को ट्रूडो रो पड़े. उन्होंने कहा 'वह हमेशा कनाडा फर्स्ट के सिद्धांत पर चले हैं. उन्हेांने हमेशा देश को आगे रखा. कभी उसे झुकने नहीं दिया. अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की नीतियों को लेकर उन्होंने देशवासियों और राजनीतिक पार्टियों को चेताया कि आगे आने वाला समय काफी कठिन होने वाला है.'
कनाडा फर्स्ट के सिद्धांत पर काम करते आए हैं: ट्रूडो
आपको बता दें कि बीते सात साल से ट्रूडो भारत के विरोध पर उतर आए थे. इसकी उन्हें कीमत चुकानी पड़ी. ट्रूडो का अपनी ही पार्टी में ही विरोध होने लगा. बाद में उन्होंने प्रधानमंत्री का पद छोड़ने की घोषणा कर दी. अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से भी उनकी नहीं बनी. विपक्ष का आरोप है कि जस्टिन ट्रूडो ने कनाडा को राजनीतिक और आर्थिक तौर पर कमजोर कर दिया है. अब वह अपने विदाई भाषण में कैमरे पर रो पड़े. उन्होंने कहा 'वह हमेशा कनाडा फर्स्ट के सिद्धांत पर काम करते आए हैं. उन्होंने देश को आगे रखा और कभी उसे झुकने नहीं दिया. अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की नीतियों को लेकर उन्होंने देशवासियों और पार्टियों को सचेत किया है. उन्होंने कहा कि आने वाला समय काफी कठिन होने वाला है.'
जानें क्या बोले ट्रूडो
जस्टिन ट्रूडो ने अपने विदाई भाषण में कई बातें रखीं. इस दौरान, उन्होंने कहा, ‘व्यक्तिगत तौर पर यह तय किया कि इस कार्यालय में हर एक दिन मैं कनाडाई लोगों को सबसे पहले रखा. मैं कनाडा के लोगों को सपोर्ट करूं. इसलिए वे यहां पर सभी को यह बताने के लिए आए हैं कि हम आपके साथ हैं. इस सरकार के अंतिम दिनों में हम आज और भविष्य में कनाडाई लोगों को बिल्कुल निराश नहीं करेंगे.’ ट्रूडो ने जनवरी माह में आतंरिक समस्याओं और घटती लोकप्रियता की वजह से पीएम पद से इस्तीफा देने का ऐलान किया था. वे अपने उत्तराधिकारी के आने तक अंतरिम प्रधानमंत्री बने रहेंगे. लिबरल पार्टी की ओर से रविवार को अपने अगले नेता का नाम ऐलान किए जाने की उम्मीद है. वे अक्टूबर में होने वाले चुनावों में दल की अगुवाई करने वाले हैं.
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