सुशांत सिंह राजपूत: चांद पर ‘प्लॉट’ लेने वाला धरती से रिश्ते-नाते तोड़ गया

ब्रह्मांड (Universe) के रहस्यों में दिलचस्पी रखने वाले सुशांत जब फिल्मों के सेट पर काम नहीं कर रहे होते तो अपने मीयेड 14' एलएक्स600 टेलीस्कोप से आकाश को निहारते रहते थे. उन्होंने 2018 में चांद पर जमीन का एक टुकड़ा भी लिया था.

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Nihar Saxena
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Sushant Singh Rajput

'एक क्षणभंगुर जीवन, दोनों के बीच सामंजस्य बनाता हुआ.'( Photo Credit : न्यूज नेशन)

'धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी' और 'छिछोरे' जैसी फिल्मों में रुपहले पर्दे पर चुनौतियों से जूझ उन्हें जुनूनी हौसले से मात देने वाले अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) ने जिंदगी की चुनौतियों से हार मान मुंबई स्थित अपने घर में फंदा लगाकर जान दे दी. ब्रह्मांड (Universe) के रहस्यों में दिलचस्पी रखने वाले सुशांत जब फिल्मों के सेट पर काम नहीं कर रहे होते तो अपने मीयेड 14' एलएक्स600 टेलीस्कोप से आकाश को निहारते रहते थे. उन्होंने 2018 में चांद पर जमीन का एक टुकड़ा भी लिया था. अपने दौर के बेहद प्रतिभाशाली अभिनेताओं में से एक राजपूत (34) ब्रांदा स्थित अपने अपार्टमेंट में रविवार को फंदे से लटकते पाए गए. उनके परिवार में पिता और चार बड़ी बहनें हैं.

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जताई थी ऐसी इच्छा
पिछले साल अभिनेता ने ट्विटर पर प्रशंसकों के साथ अपने 50 सपनों की एक सूची भी साझा की थी, जहां उन्होंने अन्य चीजों के साथ ही दूर-दराज की जगहों पर घूमने जाना, अरुणोदय की रोशनी में रंग भरना, किताब लिखना और अपने पसंदीदा हॉलीवुड अभिनेता रॉबर्ट डाउने जूनियर के साथ सेल्फी लेना शामिल था. अफसोस कि उनके असामयिक निधन से अब इनमें से अधिकांश सपने अधूरे ही रह गए. बिहार के पटना में पैदा हुए इस अभिनेता ने सोशल मीडिया पर अपनी आखिरी पोस्ट मां को समर्पित की थी जिनका 2002 में निधन हो गया था. अभिनेता ने तीन जून को अपनी मां की तस्वीर के साथ इंस्टाग्राम पर साझा की गई एक पोस्ट में लिखा था, 'आंसुओं से वाष्पित धुंधला अतीत. खत्म न होने वाले सपने मुस्कुराहट का एक हिस्सा उकेर रहे हैं. और एक क्षणभंगुर जीवन, दोनों के बीच सामंजस्य बनाता हुआ.'

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बॉलीवुड में बाहरी रहे
राजपूत बॉलीवुड के लिये बाहर से आए थे जिसने अपनी पहली ही फिल्म 'काय पो छे' से 2013 में सभी को प्रभावित किया. 'पीके', 'एमएस धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी', 'केदारनाथ', 'सोनचिड़िया' और 'छिछोरे' जैसी फिल्मों में अपनी अदाकारी के लिये समीक्षकों की सराहना पाने वाले राजपूत ने साबित किया था कि उनकी सफलता सिर्फ एक संयोग भर नहीं थी. उनकी आखिरी रिलीज हुई फिल्म 'छिछोरे' में वह एक पिता की भूमिका में थे जो खुदकुशी का प्रयास करने वाले अपने बेटे को उम्मीद और सकारात्मकता का संदेश देकर जिंदगी की कीमत समझाता है. इस फिल्म में राजपूत को अपने इंजीनियरिंग कॉलेज के दिनों की याद भी ताजा कराई, जिसे वो स्टारडम के मोह में पहले डांसर बनने और बाद में अभिनेता बनने की ख्वाहिश में छोड़ आए थे.

अभिनय जगत की तैयारियां
सुशांत ने जाने-माने नृत्य निर्देशक शामक डावर डांस क्लास में एडमिशन लिया और बाद में अभिनय गुरु बैरी जॉन की क्लास में भी शामिल हुए. संघर्ष के दौर में अभिनेता थियेटर और डांसर की भूमिका में तालमेल बैठाते रहे. वह रितिक रोशन और ऐश्वर्या राय बच्चन के साथ 2006 में 'धूम -2' दिखे. उनकी किस्मत के सितारे ने लेकिन 2009 में एकता कपूर के धारावाहिक 'पवित्र रिश्ता' से करवट ली जिसमें उन्होंने 'मानव' का किरदार निभाया था. इससे पहले वह 'किस देश में है मेरा दिल' में सहायक भूमिका निभा चुके थे. उन्होंने 2011 में फिल्मों में अपना करियर तलाशने के लिये 'पवित्र रिश्ता' छोड़ दिया. इस धारावाहिक में उनके सामने तब उनकी गर्लफ्रेंड रहीं अंकिता लोखंडे थीं.

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पहली असफलता
दो साल बाद, उन्होंने 'काय पो छे' से अपने बॉलीवुड करियर का आगाज किया जो चेतन भगत की किताब 'थ्री मिस्टेक्स ऑफ माइ लाइफ' पर आधारित थी. इस फिल्म में उनके साथ राजकुमार राव और अमित साध भी थे. सुशांत मौजूदा पीढ़ी के उन कम अभिनेताओं में शुमार थे जिन्हें राजकुमार हिरानी (पीके),मनीष शर्मा (शुद्ध देसी रोमांस), अभिषेक कपूर (काय पो छे, केदारनाथ), अभिषेक चौबे (सोनचिड़िया), दिबाकर बनर्जी (डिटेक्टिव ब्योमकेश बख्शी) और नितेश तिवारी (छिछोरे) जैसे प्रमुख निर्देशकों के साथ काम करने का मौका मिला. उन्हें 2015 में असफलता देखनी पड़ी जब 'डिटेक्टिव ब्योमकेश बख्शी' बॉक्स ऑफिस पर नहीं चली, फिल्म में वह शीर्षक भूमिका में थे. इसके बाद उन्होंने हालांकि अगले साल 'धोनी' से शानदार वापसी की.

जिंदगी के प्रति नजरिया
असफलता के बाद मिली इस सफलता पर राजपूत ने 2017 में एक साक्षात्कार में बताया था कि वह 'वाजिब कारणों से विफल होना' चाहते थे. उन्होंने उस वक्त कहा था, 'मैं वास्तव में चाहता हूं कि हम हर तरह के शानदार सिनेमा को करें. ऐसा नहीं है कि हम अभी नहीं जानते हैं. यह इसलिये हैं क्योंकि हम बेहद डरते हैं. मैं सिर्फ उस सीमा को तोड़ने की कोशिश कर रहा हूं और अब तक मैं बचा हुआ हूं.' धोनी फिल्म के लिये उन्होंने काफी तैयारी की और इस फिल्म ने उन्हें शानदार सफलता भी दी. यह फिल्म क्रिकेटर के संघर्ष के दिनों और उनके व्यक्तिगत जीवन की झलक पेश करती है. इस फिल्म की तैयारी के चलते उनकी धोनी से भी खासी दोस्ती हुई.

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चांद पर मिल्कियत
अभिनेता ने 2018 में चांद पर भी जमीन का एक टुकड़ा खरीदा. राजपूत ने इंटरनेशनल लूनर लैंड रजिस्ट्री से जिस क्षेत्र में चांद पर जमीन खरीदी उसे 'सी ऑफ मुस्कोवी' कहा जाता है. इस संपत्ति की कोई कानूनी वैधता नहीं है लेकिन इसके बावजूद अभिनेता ने अपने दिल की बात सुनी. इसी साल उन्होंने 'केदारनाथ' के लिये शूटिंग शुरू की जिसमें उनके सामने सारा अली खान अपने फिल्मी अभिनय की पारी शुरू कर रही थीं. फिल्म की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं मिलीं. 2019 में उन्होंने चौबे की चंबल के डकैत पर आधारित फिल्म 'सोनचिड़िया' की जिसमें उन्होंने लखना डकैत की भूमिका निभाई जो आत्मसमर्पण करना चाहता था.

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