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Special: Soler Energy में ही मानव जाति का सुरक्षित विकास

Solar energy is real future : ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन, धरती का बढ़ता तापमान, जलवायु परिवर्तन, बढ़ती बीमारियां, घटते संसाधन, सिकुड़ते ग्लेशियर. ये सब वो वैश्विक मुद्दे हैं, जिनसे पूरी दुनिया जूझ रही है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2040 तक...

Updated on: 12 Jan 2023, 06:18 PM

highlights

  • सौर ऊर्जा ही धरती को बचाने का विकल्प
  • भड़ती ऊर्जा जरूरतों को पूरा करना हो रहा कठिन
  • अमेरिका जैसे देश अपने वादों से पीछे हट रहे

नई दिल्ली:

Solar energy is real future: ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन, धरती का बढ़ता तापमान, जलवायु परिवर्तन, बढ़ती बीमारियां, घटते संसाधन, सिकुड़ते ग्लेशियर. ये सब वो वैश्विक मुद्दे हैं, जिनसे पूरी दुनिया जूझ रही है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2040 तक भारत की 60 फीसदी जनता लू का कहरा झेलेगी. यूरोप में लंबे सूखे पड़ेंगे. जल स्रोत तबाह हो चुके होंगे. ग्लेशियर खत्म होने की कगार पर होंगे. समुद्र तटीय शहर डूब चुके होंगे. धरती पर भूमि का हिस्सा सिकुड़ चुका होगा. और इंसान? इंसानी आबादी तो तेजी से बढ़ती ही जा रही है. उसकी जरूरतें बढ़ रही हैं. फिर कैसे बचेगी ये दुनिया?

धरती के लिए वरदान हैं अक्षय ऊर्जा के स्रोत

इस दुनिया को बचाने का एकमात्र उपाय है नवीनीकृत ऊर्जा. हिंदी में इसे हम अक्षय ऊर्जा कहते हैं. अक्षय ऊर्जा का प्रमुख स्रोत है सौर ऊर्जा. जिसकी भारत में असीमित संभावनाएं हैं. अगले कुछ सालों में भारत सौर ऊर्जा के इस्तेमाल में दुनिया का अग्रणी देश बन सकता है. इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में भारत सरकार पुरजोर कोशिशें भी कर रही हैं. सरकार का लक्ष्य है कि हमारा देश साल 2050 तक ही नेट जीरो कार्बन के लक्ष्य को हासिल कर ले. वैसे, भारत सौर उर्जा के क्षेत्र में कितनी तेजी से बढ़ रहा है, इसका अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि अकेले साल 2022 की पहली छमाही में ही भारत सरकार ने 1.94 करोड़ टन कोयले की बचत की है. इसके अलावा कोयले से बिजली तैयार करने की प्रक्रिया में खर्च होने वाली बड़ी राशि में से 4.2 अरब डॉलर की बचत की है. वैसे, ये तो महज शुरुआत है.

दुनिया बचाने में योगदान कर सकते हैं आप

आज भारत देश में तेजी से विकास हो रहा है. हर घर में बिजली पहुंच रही है. लेकिन अब वक्त है हमें अपनी जिम्मेदारी को समझने का. उस जिम्मेदारी को समझने का, जो दुनिया के प्रति है. हमारी अगली पीढ़ी के प्रति है. हमारे देश के प्रति है. हमारे भविष्य के प्रति है. अगर आप सोच रहे हों कि हम इस मुहिम में क्या योगदान कर सकते हैं, तो हम बता रहे हैं आप क्या योगदान कर सकते हैं. आप योगदान कर सकते हैं कार्बन उत्सर्जन में कमी करके. आप योगदान कर सकते हैं सौर उर्जा के उपयोग से. आप योगदान कर सकते हैं अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में अक्षय ऊर्जा को शामिल करके. आप अपने घर की जरूरतों के लिए सौर ऊर्जा का उपयोग करें. भोजन बनाने से लेकर हर इलेक्ट्रॉनिक गैजेट आप सौर ऊर्जा से संचालित कर सकते हैं. आप अपने घरों, दफ्तरों में सौर ऊर्जा का इस्तेमाल करना शुरू कर देंगे, तो अभी की समस्याओं वाली सूरत बदल सकती है. बस, आपको कदम बढ़ाने की जरूरत है.

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सोलर पैनल लगाने में सरकार कर रही मदद

भारत सरकार ने आम लोगों से सौर उर्जा अपनाने की अपील की है. साथ ही भारत सरकार के नवीकरणीय उर्जा मंत्रालय (MNRE) ने इस मद में काफी पैसे खर्च करने की भी योजना बनाई है. भारत सरकार ने पिछले बजट में सौर उर्जा से जुड़ी योजनाओं के लिए 19 हजार 500 करोड़ का फंड अलग से रखा था. इसके तहत लोगों से अपने घरों पर सौर उर्जा के पैनल लगवाने की अपील की गई थी. सरकार इसके लिए भारी सब्सिडी भी दे रही है. भारत सरकार की रूफ टॉप योजना के तहत साल 2026 तक अगर आप अपने घर पर सोलर पैनल लगवाते हैं, तो हर किलोवाट के लिए कम से कम 14588 रुपये तक की सब्सिडी भी सरकार से पा सकते हैं. 

सोलर पैनल लगवाने का खर्च

यूं तो सोलर पैनल का पूरा सेटअप लगाने में काफी खर्च आ सकता है. लेकिन एक आम घर की जरूरत 2 केवी के पैनल से पूरी हो सकती है. 2 केवी के पैनल को लगाने में कुल खर्च जहां 1.20 लाख रुपये तक हो सकता है, तो सरकार की तरफ से 40 फीसदी की सब्सिडी मिलने पर ये खर्च महज 72 हजार रुपये रह जाता है. क्योंकि 48 हजार रुपये का खर्च सरकार की तरफ से वहन किया जाता है. इसके लिए आपको https://solarrooftop.gov.in/ पोर्टल पर आवेदन करना होगा.