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टारगेट किलिंग का पाकिस्तान कनेक्शन, आतंक पर अंतिम प्रहार की तैयारी

अमन के रास्ते पर तेजी से बढ़ रहे जम्मू कश्मीर की आबोहवा में जहर घोलने के लिए सीमा पार बड़ी साजिश रची गई है. पाकिस्तान में बैठे आतंक के आकाओं ने बेगुनाहों पर हमले का नापाक प्लान बनाया है.

Updated on: 18 Oct 2021, 05:31 PM

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अमन के रास्ते पर तेजी से बढ़ रहे जम्मू कश्मीर की आबोहवा में जहर घोलने के लिए सीमा पार बड़ी साजिश रची गई है. पाकिस्तान में बैठे आतंक के आकाओं ने बेगुनाहों पर हमले का नापाक प्लान बनाया है. खुफिया एजेंसियों को मिले इनपुट से शर्मनाक साजिश का खुलासा हुआ है, जिससे सुरक्षा एजेंसियां हैरान हैं. सूत्रों के मुताबिक, घाटी में मजदूरों पर हो रहे हमले के पीछे आतंकी साजिश है. खुफिया एजेंसियों को ये जानकारी मिली है कि घाटी में दहशत फैलाने के लिए स्लीपर सेल को मजदूरों पर हमले के निर्देश दिए हैं. स्लीपर सेल के सदस्य पाकिस्तान में बैठे आतंक के आकाओं के इशारे पर कश्मीर में टारगेट किलिंग की वारदात को अंजाम दे रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक इस साजिश में पाक में सक्रिय आतंकी संगठनों के अलावा पाकिस्तानी सेना और वहां की कुख्यात खुफिया एजेंसी ISI भी शामिल है.

बताया जा रहा है कि पाकिस्तान परस्त आतंकी संगठनों के निशाने पर जम्मू कश्मीर में हो रहे विकास कार्य हैं. जिसे डिरेल करने की जिम्मेदारी ISI ने HARKAT 313, ULF,TRF जैसे आतंकी संगठनों को सौंपी है. सूत्रों के मुताबिक बांध, बिजली लाइन पर हमले की जिम्मेदारी HARKAT 313 को दिया गया है, जबकि TRF के निशाने पर कश्मीर के स्थानीय हिंदू हैं और उनकी पहचान कर उन्हें निशाना बनाया जा सकता है. इसके अलावा पाकिस्तान ने यूपी में मौजूद पाक परस्त आतंकी नेटवर्क को भी सक्रिय कर दिया है. इसके जरिए यूपी के शूटर्स को सुपारी देकर टारगेट किलिंग में उनका इस्तेमाल करने की साजिश रची गई है. बताया जा रहा है कि टारगेट किलिंग के लिए ऐसे हमलावरों का इस्तेमाल किया जा रहा है जिनका पुराना रिकॉर्ड नहीं होता. जिसकी वजह से ये हमला कर आम लोगों में शामिल हो जाते हैं और इस वजह से उनका पता लगा पाना मुश्किल होता है.

कश्मीर घाटी में बीते 13 दिनों में टारगेट किलिंग की वारदातों में 9 लोगों की हत्या की जा चुकी है. 5 अक्टूबर को श्रीनगर में माखनलाल बिंद्रू की हत्या कर दी गई तो उसी दिन रेहड़ी लगाने वाले वीरेंद्र पासवान को भी कायर आतंकियों ने निशाना बनाया और उनका मर्डर कर दिया. 7 अक्टूबर को श्रीनगर में एक स्कूल में हमला कर स्कूल प्रिंसिपल सुपिंदर कौर और टीचर दीपक चांद की निर्मम हत्या कर दी गई. 

16 अक्टूबर को 2 अलग अलग वारदातों में आतंकियों ने अरविंद कुमार शाह और सगीर अहमद का मर्डर कर दिया, जबकि 17 अक्टूबर को बिहार के दो मजदूरों की हत्या कुलगाम में कर दी गई. मृतकों की पहचान बिहार के निवासी राजा और जोगिंदर के रूप में हुई है. जानकारों के मुताबिक टारगेट किलिंग पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का नया चैप्टर है। जिसमें रेकी के बाद हमला किया जा रहा है. इस कायराना करतूत को हाईब्रिड आतंकियों के साथ ही ओवर ग्राउंड वर्कर अंजाम दे रहे हैं. इससे निपटने के लिए सुरक्षाबलों को अपनी रणनीति में बड़ा बदलाव लाना होगा. साथ ही आतंकियों से जुड़ी हर जानकारी पर बारीक नजर रखनी होगी. टारगेट किलिंग में प्रवासी मजदूरों को निशाना बनाने से दहशत का माहौल है. डरे सहम ये प्रवासी अब घाटी छोड़ने को मजबूर हैं.

इस बीच जम्मू कश्मीर में गैर कश्मीरियों की हत्या की बढ़ती वारदातों के बाद उस पर लगाम कसने की मुकम्मल तैयारी की गई है. इसके तहत प्रवासी मजदूरों के रिहाइशी इलाकों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. साथ ही संवेदनशील जगहों पर पुलिस पेट्रोलिंग बढ़ाई जा रही है. शाम और रात में सुरक्षाबलों की गश्त बढ़ाने का फैसला किया गया है. साथ ही कश्मीर घाटी में आतंक के खिलाफ अभियान तेज किया जाएगा, जिसमें ज्वाइंट सर्च ऑपरेशन चलाकर आतंकियों का काम तमाम किया जाएगा.

वहीं, सुरक्षाबलों का ऑपरेशन क्लीन जारी है. घाटी में टारगेट किलिंग के गुनहगारों को सुरक्षाबल चुन-चुनकर ठिकाने लग रहे हैं. टारगेट किलिंग की सबसे ज्यादा वारदात दक्षिणी कश्मीर में हुई है. वहां बीते 16 दिनों में 14 आतंकियों को मार गिराया गया है. वहीं, ऑपरेशन ऑलआउट-2 के तहत दहशतगर्दी पर नॉनस्टॉप प्रहार किया जा रहा है. जिसके तहत 400 मुठभेड़ में 630 आतंकियों को ढेर किया गया है. इस दौरान 85 जवानों ने शहादत दी है.