आजाद को पद्म भूषण पर कांग्रेस की आंतरिक खेमेबंदी हुई और गहरी
राहुल गांधी की कोर टीम के सदस्य ने तंज कस बता दिया कि गांधी परिवार औऱ असंतुष्ट समूह के रिश्ते सामान्य नहीं हैं. विरोध का सुर उठाने के बाद बल्कि और कटु हो गए हैं.
highlights
- अभी तक गांधी परिवार से नहीं आई कोई भी प्रतिक्रिया
- राहुल गांधी के करीबी जयराम रमेश ने कसा तीखा तंज
- बधाई देने वाले सभी कांग्रेसी नेता असंतुष्ट समूह के सदस्य
नई दिल्ली:
कांग्रेस में आंतरिक तौर पर सब कुछ ठीक नहीं है. समय-समय पर इसका प्रमाण देती कोई न कोई घटना सामने आ ही जाती है. इस बार वरिष्ठ कांग्रेसी नेता गुलाम नबी आजाद को पद्म भूषण सम्मान मिलना इसका प्रमाण बना है. कई कांग्रेसी नेताओं की इसके पक्ष-विपक्ष में आई प्रतिक्रियाएं यह बताने के लिए पर्याप्त हैं कि आंतरिक लोकतंत्र का दम भरने वाली यह पार्टी वास्तव में गांधी परिवार के चारों ओर सिमट कर रह गई है. आलम यह है कि ग्रुप-23 के मुखर चेहरा रहे आजाद को अभी तक गांधी परिवार की ओर से कोई शुभकामना संदेश नहीं मिला. उलटे पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की कोर टीम के सदस्य ने तंज कस बता दिया कि गांधी परिवार औऱ असंतुष्ट समूह के रिश्ते सामान्य नहीं हैं. विरोध का सुर उठाने के बाद बल्कि और कटु हो गए हैं.
जयराम रमेश ने कसा तंज
इस घटना से साफ हो गया है कि कांग्रेस की अंदरूनी लड़ाई और भी गहरी हो चुकी है. यहां तक कि लगातार चुनावी हार के बाद नेतृत्व और कांग्रेस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते रहे सबसे वरिष्ठ नेताओं में शामिल गुलाम नबी आजाद को दिया गया पद्म भूषण सम्मान भी पार्टी को नागवार गुजरा है. टीम राहुल के रणनीतिकार माने जाने वाले जयराम रमेश ने उसी दिन गुलाम नबी आजाद पर तीखा तंज कस दिया था. इसके लिए उन्होंने पश्चिम बंगाल के भूतपूर्व सीएम रहे बुद्धदेव भट्टाचार्य द्वारा पद्म सम्मान वापसी को आधार बनाया. उन्होंने ट्वीट कर लिखा था वह आजाद हैं गुलाम नहीं.
बधाई देने वाले ग्रुप-23 के सदस्य
यह अलग बात है कि ग्रुप-23 के अन्य मुखर चेहरे कपिल सिब्बल ने इस पर हैरानी जताता ट्वीट किया था. उन्होंने ट्वीट किया कि जिसकी (आजाद) उपलब्धियों और योगदान को देश मान्यता दे रहा है, उसकी पार्टी में कोई उपयोगिता नहीं है. इससे पहले कई मौकों पर पीएम नरेंद्र मोदी की तारीफ कर चुके शशि थरूर ने ट्वीट किया था- दूसरे पक्ष की सरकार ने भी आपकी उपलब्धियों को पहचाना और सम्मानित किया, इसके लिए बधाई हो. आनंद शर्मा ने भी गुलाम नबी आजाद को बधाई दी. गौर करने वाली बात यह है कि जिन तीन नेताओं ने मुखरता के साथ आजाद को बधाई दी, वह ग्रुप-23 के सदस्य हैं और इस कारण कांग्रेस के भीतर अलग-थलग पड़े हैं.
चुनावों में फिर भारी पड़ेगी आंतरिक कलह
यानी साफ है कि कांग्रेस को भीतरी कलह इस बार फिर से पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में भारी पड़ने जा रही है. टिकट बंटवारे को लेकर उत्तराखंड और पंजाब की रार कांग्रेस आलाकमान से संभल नहीं रही है, तो उत्तर प्रदेश में कांग्रेस लगभग चेहरा विहीन होती जा रही है. इससे बुरी स्थिति क्या होगी कि कांग्रेस ने इस बार जिन लोगों को टिकट दिया, उनमें से तीन ने हाथ का साथ छोड़ दिया. यही हाल पंजाब का है, जहां टिकट नहीं मिलने से नाराज कई नेता कांग्रेस के ही प्रत्याशी के खिलाफ ताल ठोंक रहे हैं. इनमें एक बड़ा नाम तो सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के भाई का ही है. यानी कांग्रेस के अंदर-बाहर चुनौतियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं, बल्कि ऐसा लगता है कि मार्च बाद तो इसमें और इजाफा होने वाला है.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Arti Singh Wedding: सुर्ख लाल जोड़े में दुल्हन बनीं आरती सिंह, दीपक चौहान संग रचाई ग्रैंड शादी
-
Arti Singh Wedding: दुल्हन आरती को लेने बारात लेकर निकले दीपक...रॉयल अवतार में दिखे कृष्णा-कश्मीरा
-
Salman Khan Firing: सलमान खान के घर फायरिंग के लिए पंजाब से सप्लाई हुए थे हथियार, पकड़ में आए लॉरेंस बिश्नोई के गुर्गे
धर्म-कर्म
-
Maa Lakshmi Puja For Promotion: अटक गया है प्रमोशन? आज से ऐसे शुरू करें मां लक्ष्मी की पूजा
-
Guru Gochar 2024: 1 मई के बाद इन 4 राशियों की चमकेगी किस्मत, पैसों से बृहस्पति देव भर देंगे इनकी झोली
-
Mulank 8 Numerology 2024: क्या आपका मूलांक 8 है? जानें मई के महीने में कैसा रहेगा आपका करियर
-
Hinduism Future: पूरी दुनिया पर लहरायगा हिंदू धर्म का पताका, क्या है सनातन धर्म की भविष्यवाणी