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Veer Savarkar के मुद्दे पर कांग्रेस से अलग होगी उद्धव ठाकरे की शिवसेना?

Maha Vikas Aghadi may split on Vinayak Savarkar Insulting Issue : राहुल गांधी ( Rahul Gandhi ) के तीखे बयान अब उद्धव ठाकरे को असहज करते जा रहे हैं. वो वीर सावरकर का नाम लेकर बीजेपी ( BJP ) पर हमला बोलते हैं, तो चोट उद्धव ठाकरे और उनकी शिवसेना को लग जाती है. संजय राउत के बाद अब खुद उद्धव ठाकरे ने...

Updated on: 27 Mar 2023, 04:14 PM

highlights

  • महाराष्ट्र की महाविकास आघाडी गठबंधन में होगी टूट
  • कांग्रेस-एनसीपी का साथ छोड़ेगी उद्धव की शिवसेना?
  • राहुल गांधी पर वीर सावरकर के लगातार अपमान का आरोप

नई दिल्ली/मुंबई:

Maha Vikas Aghadi may split on Vinayak Savarkar Insulting Issue : राहुल गांधी ( Rahul Gandhi ) के तीखे बयान अब उद्धव ठाकरे को असहज करते जा रहे हैं. वो वीर सावरकर का नाम लेकर बीजेपी ( BJP ) पर हमला बोलते हैं, तो चोट उद्धव ठाकरे और उनकी शिवसेना को लग जाती है. संजय राउत के बाद अब खुद उद्धव ठाकरे ने कह दिया है कि राहुल गांधी को वीर सावरकर ( Vinayak Savarkar ) के अपमान का कोई हक नहीं है. हमारा गठबंधन राजनीतिक मुद्दों और जनहित के विकास को लेकर है, विचारधारा को लेकर नहीं. हम वीर शिवाजी महाराज ( Veer Shivaji ) और वीर सावरकर ( Veer Savarkar ) से प्रेरणा पाते हैं. ऐसे में उन्हें इस मुद्दे पर बयानबाजी से बचना चाहिए. राजनीतिक दुनिया के लिए ये बड़ा बयान है. 

महाविकास आघाडी से निकलने का मौका ढूंढ रहे उद्धव ठाकरे?

अब सवाल उठ रहा है कि क्या वीर सावरकर के मुद्दे पर उद्धव ठाकरे की शिवसेना महाराष्ट्र की महाविकास आघाडी गठबंधन से खुद को अलग कर सकती है? सवाल इसलिए भी उठ रहे हैं, क्योंकि न सिर्फ संजय राउत बल्कि खुद उद्धव ठाकरे ने साफ-साफ राहुल गांधी को चेतावनी दे दी है कि वो वीर सावरकर के अपमान से बचें. पिछले साल भी उन्होंने नवंबर महीने में कहा था कि राहुल गांधी अगर वीर सावरकर पर इसी तरह से बयानबाजी करते रहे, तो महाविकास आघाडी को कोई नहीं बचा सकता. क्योंकि कांग्रेस के साथ उनका गठबंधन कोई विचारधारा के मुद्दे पर नहीं है. बल्कि महाराष्ट्र में जनहित के कार्यों को करने के लिए हमने एक कॉमन मिनिमम प्रोग्राम बनाया था और सारा गठबंधन उसपर टिका था. 

ठाकरे का गठबंधन तोड़ना कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी!

चूंकि अभी महाविकास आघाडी न तो सत्ता में है और न ही गठबंधन में रहते हुए उद्धव ठाकरे सहज ही हो पा रहे हैं. क्योंकि उनकी पार्टी के दो टुकड़े ही कांग्रेस से गठबंधन की वजह से हो गया था. ऐसे में वो सिर्फ अपनी जिद के चलते इस गठबंधन में बंधे हुए हैं, क्योंकि वैचारिक रूप से शिवसेना और कांग्रेस-एनसीपी की कोई समानता ही नहीं थी. ऐसे में उद्धव ठाकरे भी चाहते हैं कि वो वीर सावरकर के अपमान को मुद्दा बनाए और मराठी अस्मिता के साथ वीर शिवाजी के नारे को फिर से हर घर पहुंचा दे, ताकि शिवसेना को आगामी चुनाव में जीत मिल सके. हालांकि उद्धव ठाकरे के लिए अब सबकुछ पहले जैसा नहीं रह गया है. अधिकतर लोग शिंदे गुट में जा चुके हैं. वो मराठा, हिंदुत्व के नाम पर पहले ही महाविकास आघाडी से निकली थी. ऐसे में अगर उद्धव ठाकरे महाविकास आघाडी छोड़कर बीजेपी के साथ लौटते हैं, तो कोई आश्चर्य भी नहीं होगा.

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संभल पाएंगे राहुल गांधी?

इस मामले में संजय राउत ने कहा कि वह गांधी हैं, लेकिन सावरकर का नाम घसीटने की जरूरत नहीं है. सावरकर हमारी प्रेरणा हैं. हमारी लड़ाई के पीछे छत्रपति शिवाजी महाराज और वीर सावरकर हैं. संजय राउत ने कहा कि वो राहुल गांधी से बात करेंगे, तो उद्धव ठाकरे ने सीधे तौर पर कहा है कि कांंग्रेस के साथ उनका वैचारिक गठबंधन नहीं है. ऐसे में राहुल गांधी को संभल जाना चाहिए. बता दें कि बीजेपी ने राहुल गांधी से जातिगत टिप्पणी मामले में माफी मांगने के लिए कहा था. लेकिन राहुल गांधी ने कहा कि वो गांधी हैं, कोई सावरकर नहीं, जो अपने कामों के लिए माफी मांग लें.