क्या कांग्रेस का विकल्प है आम आदमी पार्टी?
दिल्ली में केजरीवाल की दूसरी पारी और पंजाब में आप की प्रचंड जीत के बाद लोग आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी की नजर से देख रहे हैं. लोगों के जहन में ये सवाल उठ रहा है कि क्या आप कांग्रेस का विकल्प है.
नई दिल्ली:
दिल्ली में केजरीवाल की दूसरी पारी और पंजाब में आप की प्रचंड जीत के बाद लोग आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी की नजर से देख रहे हैं. लोगों के जहन में ये सवाल उठ रहा है कि क्या आप कांग्रेस का विकल्प है. इस पर विस्तृत चर्चा के साथ ये रिपोर्ट देखिए. दिल्ली में आप को 62 सीटों के साथ मिली दोबारा जीत और पंजाब में को मिली प्रचंड जीत के बाद से ये बात तो साफ हो गई है कि अरविंद केजरीवाल के संयोजन वाली आम आदमी पार्टी ने अब केवल एक या दो प्रदेश तक सीमित नहीं रहना चाहती.
आप ने इस बार हुए 5 राज्यों के चुनाव में पूरी ताकत से विपक्षी पार्टियों से लड़ाई लड़ी, जिसमें उसे काफी हद तक सफलता भी मिली. पंजाब में जनता ने पार्टी को 92 सीटें देकर भगवंत मान को मुख्यमंत्री बनाया तो वहीं गोवा में 2 सीटें देकर पार्टी के लिहाज से नए प्रदेश में उसकी एंट्री भी कराई.
ऐसे में सभी के जहन में ये सवाल उठ रहा है कि आप भविष्य में कांग्रेस का विकल्प हो सकती है क्या. इस बात का जवाब देना अभी देना तो मुश्किल है लेकिन इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि जहां-जहां आम आदमी पार्टी मजबूत हुई है वहां कांग्रेस कमज़ोर हुई है. हाल फिलहाल की बात करें तो पंजाब में पिछली बार चरनजीत चन्नी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार थी.
इससे पहले कांग्रेस की तरफ से कैप्टन अमरिंदर सिंह मुख्यमंत्री हुआ करते थे. लेकिन नवजोत सिंह सिद्धू और पार्टी के अंदरुनी कलह के चलते पार्टी ने चन्नी को पंजाब का मुख्यमंत्री बनाया. लेकिन 2022 के चुनाव में चन्नी कुछ खास नहीं कर पाए. चन्नी अपनी दोनों सीटें चमकौर साहिब और भदौड़ में आप के उम्मीदवारों से हारे. और 92 सीटों की प्रचंड जीत के साथ भगवंत मान को मुख्यमंत्री के रूप में पंजाब की जनता ने आशीर्वाद दिया.
अगर बात करें गोवा की तो वहां भी आम आदमी पार्टी ने 2 सीटें लाकर पार्टी के लिहाज से नए प्रदेश में अपना खाता खोला. इसके अलावा उत्तर प्रदेश में भी पार्टी ने सभी 403 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए थे लेकिन पार्टी यहां अपनी एक भी सीट नहीं ला सकी. खुद मुख्यमंत्री चेहरा कहे जाने संजय सिंह सुलतानपुर से अपनी सीट नहीं बचा पाए.
इसके अलावा उत्तराखंड में आप के बड़े नेता और उत्तराखंड में आप का मुख्यमंत्री चेहरा कर्नल अजय कोठियाल भी गंगोत्री से अपनी सीट नहीं बचा पाए. लेकिन देवभूमि में आप ने कुछ सीटों पर कांग्रेस और बीजेपी के उम्मीदवारों को अच्छी टक्कर दी. आप ने उत्तराखंड में भी सभी 70 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे लेकिन किसी भी सीट का पार्टी के किसी भी प्रत्याशी ने जीत हासिल नहीं की.
गुजरात और हिमाचल पर पार्टी की नजर
दिल्ली और पंजाब में सरकार बनाने का बाद आप की नजर आने वाले गुजरात और हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव पर है. इसके लिए सीएम केजरीवाल ने तैयारियां भी तेज कर दी हैं. बीते दिन केजरीवाल ने गुजरात के अहमदाबाद में भगवंत मान ने रोड शो किया और लोगों से आगामी चुनाव में पार्टी को वोट देने की अपील भी की.
कब हैं गुजरात और हिमाचल में चुनाव
गुजरात की मौजूदा बीजेपी सरकार का कार्यकाल 18 फरवरी 2023 को खत्म हो जाएगा. ऐसे में ये उम्मीद है कि नवंबर या दिसंबर 2022 में चुनाव हो सकते हैं. गुजरात में कुल 182 विधानसभा की सीटें हैं. वहीं हिमाचल प्रदेश में भी बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार है जिसका कार्यकाल 8 जनवरी 2023 को समाप्त हो जाएगा. ऐसे में उम्मीद है कि यहां भी नवंबर या दिसंबर 2022 में चुनाव हो सकते हैं.
लेखक- अभिजीत शर्मा
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