हिंदुस्तान के इस राजा के खजाने में था दुनिया की कुल जीडीपी का 25% हिस्सा, ब्रिटेन भी था बौना!

भारत में एक समय इतना धन था जो कई देशों की जीडीपी को कवर करता सकता है, लेकिन भारत को इस हद तक लूटा गया कि अब भारत का एक हिस्सा गरीबी और भुखमरी से जूझ रहा है.

भारत में एक समय इतना धन था जो कई देशों की जीडीपी को कवर करता सकता है, लेकिन भारत को इस हद तक लूटा गया कि अब भारत का एक हिस्सा गरीबी और भुखमरी से जूझ रहा है.

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Ravi Prashant
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धनी राजा कौन थे? Photograph: (leonardo.ai)

भारत को एक समय “सोने की चिड़िया” कहा जाता था, यह ख्याति केवल नाममात्र नहीं थी. सच में भारत के शासकों के पास अपार धन-संपत्ति थी और अगर सबसे अमीर भारतीय राजा की बात करें, तो मुगल सम्राट अकबर का नाम सबसे आगे आता था. अकबर ने अपने शासनकाल में टैक्स सिस्टम को मजबूत किया और बिजनेस को नए आयाम दिए, जिससे उनका खजाना संपत्ति से भर गया.

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अकबर के खजाने में था दुनिया की GDP का चौथाई हिस्सा

अकबर ने अपनी नीतियों से भारत को व्यापार का केंद्र बना दिया और विदेशी व्यापारिक रास्तों का उपयोग करके यूरोपीय देशों तक कारोबार फैलाया. इतिहासकारों और अर्थशास्त्रियों के अनुसार, अकबर के खजाने में इतनी संपत्ति थी कि 1595 में पूरी दुनिया की GDP का लगभग 25% हिस्सा अकेले उनके पास था.

 उस समय उनकी कुल संपत्ति 9 करोड़ रुपये आंकी गई थी और अगर इसे मौजूदा के हिसाब से देखा जाए, तो यह करीब 21 ट्रिलियन डॉलर के बराबर बैठती है. यह आंकड़ा अमेरिका की वर्तमान GDP के काफी करीब है.

हर साल ब्रिटेन से ज्यादा राजस्व अर्जित करता था मुगल साम्राज्य

Aberdeen Asia और Money.com की रिपोर्ट्स के अनुसार, 16वीं शताब्दी में अकबर का वार्षिक राजस्व ब्रिटेन के कुल खजाने से भी अधिक था. अकबर को हर साल 1.75 करोड़ पाउंड (193.15 करोड़ रुपये) का राजस्व प्राप्त होता था, जबकि उस समय ब्रिटेन के कुल खजाने का मूल्य 1.60 करोड़ पाउंड था. यानी उस दौरान भारत की अर्थव्यवस्था समृद्ध थी.

सोने-चांदी और कीमती रत्नों का अपार भंडार

इतिहासकारों का मानना है कि अकबर के वक्त भारतीय खजाने में अपार मात्रा में सोना, चांदी और अनमोल रत्न थे. उनके किले में विशेष कक्ष बनाए गए थे, जहां हीरे, मोती और अन्य कीमती पत्थरों से बने आभूषण और बर्तन रखे जाते थे. अकबर की संपत्ति और वैभव का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनके खजाने की तुलना कई विकसित देशों की अर्थव्यवस्था से की जाती है.

हैदराबाद के निजाम भी थे अपार संपत्ति के मालिक

भारतीय इतिहास में अकबर के अलावा हैदराबाद के निजाम मीर उस्मान अली खान भी अपनी संपत्ति के लिए जाने जाते थे. उनकी कुल संपत्ति लगभग 230 अरब डॉलर (करीब 20 लाख करोड़ रुपये) आंकी जाती थी, जो उन्हें आधुनिक काल के सबसे अमीर भारतीय शासकों में से एक बनाती है.

भारत से लूटा गया बेहिसाब धन

अंग्रेजों के शासन में भारत की आर्थिक स्थिति लगातार गिरती चली गई. ब्रिटिश साम्राज्य ने भारत से इतना धन लूटा, जो आज अमेरिका की GDP से डेढ़ गुना अधिक था. एक समय जिस भारत के पास दुनिया का सबसे बड़ा खजाना था. वह धीरे-धीरे गरीबी की ओर धकेल दिया गया. सोने की चीड़िया कहने जाने वाला आज भारत में गरीबी अपने चरम पर है. 

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