Country Without River: ये देश जिनमें नहीं बहती एक भी नदी, पानी की जरूरत कैसे होती है पूरी?

Country Without River: नदियां धरती की जीवनदायिनी धमनियां होती हैं, जो न सिर्फ गहरे घाटियों को तराशती हैं, बल्कि इकोसिस्टम को बनाए रखने और ह्यूमन स‍िविलाइजेशन को आकार देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं.

Country Without River: नदियां धरती की जीवनदायिनी धमनियां होती हैं, जो न सिर्फ गहरे घाटियों को तराशती हैं, बल्कि इकोसिस्टम को बनाए रखने और ह्यूमन स‍िविलाइजेशन को आकार देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं.

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Ravi Prashant
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Country Without River

इन देशों नहीं बहती है नदियां Photograph: (NN)

Country Without River: नदियां धरती की जीवनदायिनी धमनियां होती हैं, जो न सिर्फ गहरे घाटियों को तराशती हैं, बल्कि इकोसिस्टम को बनाए रखने और ह्यूमन सि‍विलाइजेशन को आकार देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं. रूस जैसे कुछ देशों में 1,00,000 से अधिक नदियों का जाल बिछा हुआ है, लेकिन दुनिया में कई ऐसे देश भी हैं जहां एक भी स्थायी नदी नहीं है. इन देशों में पानी की जरूरत पूरी करने के लिए वैकल्पिक स्रोतों जैसे कि समुद्री जल को पीने योग्य बनाने (डिसेलिनेशन), भूमिगत जल भंडार (एक्विफर), और आयातित पानी पर निर्भर रहना पड़ता है.
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दुनिया में करीब 20 देश और 22 क्षेत्र ऐसे हैं, जहां कोई स्थायी प्राकृतिक नदी नहीं बहती.

1. सऊदी अरब

सऊदी अरब दुनिया का सबसे बड़ा देश है जहां कोई स्थायी नदी नहीं है. अरब प्रायद्वीप पर स्थित यह देश समुद्री जल को पीने योग्य बनाने (डिसेलिनेशन) में दुनिया में सबसे आगे है और अपनी 70 प्रतिशत से अधिक पेयजल जरूरत इसी तकनीक से पूरी करता है. इसके अलावा, यह देश भूमिगत जल भंडार और अपशिष्ट जल को पुनः उपयोग (वेस्ट वॉटर ट्रीटमेंट) की तकनीकों पर भी निर्भर करता है.

2. कतर

कतर भी अरब प्रायद्वीप का एक समृद्ध देश है, जो पूरी तरह से डिसेलिनेशन प्लांट्स पर निर्भर करता है. यहां 99 प्रतिशत से अधिक पेयजल समुद्र के खारे पानी को मीठे पानी में बदलकर प्राप्त किया जाता है. कतर में प्रति व्यक्ति जल खपत दुनिया में सबसे अधिक है, जिससे सरकार जल संरक्षण तकनीकों पर भारी निवेश कर रही है.

3. संयुक्त अरब अमीरात

दुबई और अबू धाबी जैसे भव्य शहरों के लिए मशहूर UAE में भी कोई स्थायी नदी नहीं है. देश की जल आपूर्ति का बड़ा हिस्सा समुद्री जल शोधन और अंडरवाटर सोर्स से आता है. इसके अलावा, UAE औद्योगिक और कृषि उद्देश्यों के लिए वेस्ट जल रीसाइक्लिंग सिस्टम का उपयोग करता है.

4. बहरीन

पारंपरिक रूप से मीठे पानी के झरनों और भूमिगत जल स्रोतों पर निर्भर रहने वाला बहरीन आज अपनी 60 प्रतिशत से अधिक जल जरूरतों को पूरा करने के लिए डिसेलिनेशन प्लांट्स का उपयोग करता है. जल बचाने की तकनीकों को बढ़ावा देने के लिए यहां कई अभियान चलाए जाते हैं.

5. कुवैत

कुवैत एक और ऐसा देश है जहां पानी की भारी कमी है. यहां की जल आपूर्ति मुख्य रूप से समुद्र के पानी को शुद्ध करने पर निर्भर है. इसके अलावा, कृषि क्षेत्र के लिए पुन उपयोग किए गए वेस्ट पानी को अपनाने की दिशा में कई कदम उठाए गए हैं.

6. वेटिकन सिटी

दुनिया का सबसे छोटा देश वेटिकन सिटी, जो सिर्फ 0.44 वर्ग किलोमीटर में बसा हुआ है, इस शहर के भीतर कोई नदी नहीं बहती. यह पूरी तरह से इटली पर निर्भर रहता है .

7. मालदीव

हजारों छोटे द्वीपों का समूह मालदीव भी एक ऐसा देश है जहां कोई नदी नहीं है. यहां पानी की भारी कमी होती है और वाटर सप्लाई के लिए डिसेलिनेशन प्लांट्स, रेन वाटर सेविंग और इंपॉर्टेड वाटर बोतल पर निर्भर रहना पड़ता है.

8. मोनाको

वेटिकन सिटी के बाद दूसरा सबसे छोटा देश मोनाको भी प्राकृतिक नदियों से विहीन है. इसकी जल जरूरतें इटली से आयातित पानी द्वारा पूरी की जाती हैं. यानी इटली इन दोनों देशों पानी देता है. 

9. नाउरु

प्रशांत महासागर में स्थित यह छोटा द्वीपीय देश नाउरु या नॉरू नदियों से रहित है और जल संकट से जूझ रहा है. यहां की जल आपूर्ति भूमिगत जल स्रोतों और वर्षा जल संग्रहण पर निर्भर करती है.

10. ओमान

हालांकि, ओमान में स्थायी नदियां नहीं हैं, लेकिन यहां कई “वाडी” मौजूद हैं, जो बारिश के मौसम में पानी से भर जाते हैं. देश जल संरक्षण के लिए इन वाडियों का इस्तेमाल अंडर वाटर रिचार्ज के लिए करता है और साथ ही डिसेलिनेशन तकनीक पर भी निर्भर करता है.

अन्य देश जहां नहीं बहती कोई नदी

इन देशों के अलावा जिबूती, यमन, माल्टा, किरीबाती, मार्शल आइलैंड्स, टोंगा और तुवालु भी ऐसे राष्ट्र हैं जहां कोई स्थायी नदी नहीं है. इनमें से कुछ देशों में मौसमी नाले और जलधाराएं तो मिलती हैं, लेकिन पूरे वर्ष प्रवाहित रहने वाली कोई भी नदी नहीं होती.

कैसे पूरी होती है पानी की जरूरत?

  • डिसेलिनेशन टेक्निक: समुद्री पानी को मीठे पानी में बदलने का प्रोसेस
  • अंडरग्राउंड वाटर सोर्स: प्राकृतिक एक्विफर का दोहन
  • रेन वाटर हार्वेस्टिंग: बारिश के पानी को स्टोर कर उपयोग करना
  • रीसाइकल्ड वाटर सिस्टम: अपशिष्ट जल को साफ कर दोबारा इस्तेमाल करना
  • पानी का आयात: कई छोटे देश पीने के पानी का आयात भी करते हैं
दुनिया के कई देश प्राकृतिक नदियों के बिना भी जल संकट से निपटने में सफल हो रहे हैं. हालांकि, जलवायु परिवर्तन और बढ़ती जनसंख्या के कारण जल संकट गहराता जा रहा है, जिससे जल संरक्षण और जल प्रबंधन तकनीकों का महत्व और भी बढ़ जाता है. 
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