If the earth flat: अगर धरती चपटी होती तो दुनिया कैसी होती?

if the earth flat: क्या आपने कभी सोचा है कि अगर पृथ्वी गोल न होकर चपटी होती तो क्या होता? हम आपको इस खबर में चपटी धरती का सच बताएंगे. अगर पृथ्वी चपटी होती तो पृथ्वी पर जीवन कैसा होता?

if the earth flat: क्या आपने कभी सोचा है कि अगर पृथ्वी गोल न होकर चपटी होती तो क्या होता? हम आपको इस खबर में चपटी धरती का सच बताएंगे. अगर पृथ्वी चपटी होती तो पृथ्वी पर जीवन कैसा होता?

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Ravi Prashant
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if earth was flat

अगर धरती होती चपटी? Photograph: (leonardo.ai)

if the earth flat: धरती को लेकर वैज्ञानिक रूप से यह सिद्ध हो चुका है कि यह राउंड शेप में है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि अगर हमारी पृथ्वी चपटी होती तो क्या होता? ये थॉट्स भले ही इमेजनरी लगे, लेकिन इसके गंभीर रिजल्ट हो सकते हैं. तो आइए जानते हैं कि अगर धरती चपटी होती तो हमारी दुनिया कैसी होती और किन-किन परेशानियों का सामना करना पड़ता.

ग्रेविटेशनल फोर्स में होता काफी अंतर

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गोलाकार पृथ्वी पर गुरुत्वाकर्षण हर जगह समान रूप से प्रभावी होता है, लेकिन अगर धरती चपटी होती, तो इसका ग्रेविटी बीच में ज्यादा और किनारों पर कम हो जाता. इसका मतलब यह होता कि जैसे-जैसे हम किनारों की ओर बढ़ते, हमारा वजन कम होता जाता. अगर हम एकदम किनारे पर पहुंच जाते, तो हो सकता है कि हम हवा में तैरने लगें या धरती से बाहर फेंक दिए जाएं.

दिन-रात का अनोखा चक्र

गोल पृथ्वी अपने एक्सिस पर घूमती है, जिससे हमें दिन और रात का अनुभव होता है. लेकिन अगर धरती चपटी होती, तो इसका असर सूरज की रोशनी पर भी पड़ता. कुछ हिस्सों में हमेशा सूरज चमकता और वहां दिन ही दिन रहता, जबकि कुछ जगहों पर रात कभी खत्म ही नहीं होती. इसका मतलब यह है कि जहां दिन होता वहां गर्मी असहनीय हो जाती और जहां रात होती, वहां ठंड इतनी ज्यादा हो जाती कि जीवन मुश्किल में पड़ जाता.

समुद्र का पानी गिरने लगता

गोल पृथ्वी के कारण गुरुत्वाकर्षण समुद्र के पानी को अपनी ओर खींचे रखता है, लेकिन चपटी धरती पर किनारों के पास यह बल कमजोर हो जाता. इससे पानी धीरे-धीरे किनारों की ओर बहने लगता और आखिरी में अंतरिक्ष में गिर जाता. ऐसे में समुद्र के किनारे रहने वाले लोग हर समय इस डर में रहते कि कहीं उनका सारा पानी ही खत्म न हो जाए.

सैटेलाइट्स और इंटरनेट पर असर

गोल पृथ्वी के चारों ओर घूमने वाले सैटेलाइट्स हमें मोबाइल नेटवर्क, GPS और इंटरनेट जैसी सुविधाएं देते हैं. लेकिन अगर धरती चपटी होती, तो सैटेलाइट्स का संचालन नामुमकिन हो जाता. इससे संचार व्यवस्था चरमरा जाती और आधुनिक तकनीकें पूरी तरह से बेकार हो जातीं. मोबाइल, टीवी, इंटरनेट और नेविगेशन जैसी चीजें हमारे लिए सिर्फ एक सपना बनकर रह जातीं.

किनारों पर जाने का डर

अगर धरती चपटी होती, तो सबसे बड़ी जिज्ञासा यह होती कि इसके किनारों पर क्या है? क्या लोग वहां से गिर सकते हैं? क्या वहां कोई दीवार होगी? दुनिया के वैज्ञानिक और खोजी प्रवृत्ति के लोग इस रहस्य को सुलझाने की कोशिश में लग जाते, लेकिन यह खतरे से खाली नहीं होता.

धरती का गोल होना हमारे लिए वरदान

धरती का गोलाकार होना हमारे जीवन के लिए बेहद जरूरी है. यह ना सिर्फ हमें गुरुत्वाकर्षण का संतुलन देता है, बल्कि जलवायु संतुलन, दिन-रात का सही चक्र और तकनीकी विकास को भी संभव बनाता है. अगर धरती चपटी होती, तो जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता और हमें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता. इसलिए, शुक्र मनाइए कि हमारी पृथ्वी गोल है, क्योंकि इसी वजह से हमारी दुनिया इतनी खूबसूरत और रहने लायक बनी हुई है.

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