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small pocket of women underwear Photograph: (Freepik)
महिलाओं की कुछ अंडरवियर में एक छोटा कपड़े का ‘पॉकेट’ होता है. हालांकि, औरतें उसकी असली वजह पर ध्यान नहीं देतीं. यह सिलाई का हिस्सा लगभग हर अंडरवियर में मौजूद होता है, लेकिन इसके बारे में बहुत लोगों को नहीं पता होता. कोई इसे डिजाइन का हिस्सा समझता है तो कोई इसे फैशन से जोड़ देता है. कुछ महिलाएं तो यह मानती हैं कि ये "इमरजेंसी के लिए पॉकेट" है. लेकिन असल में, इस छोटी सी जेब का एक बेहद जरूरी कारण है, जो महिलाओं के स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ है. आइए आपको बताते हैं.
क्या होती है ये छोटी जेब?
महिलाओं की अंडरवियर में जो ये छोटी जेब होती है, उसे गस्सेट (Gusset) कहा जाता है. यह एक डबल लेयर फैब्रिक होती है, जो खास तौर पर अंडरवियर के अंदर वाले हिस्से में लगाई जाती है. यह परत 100% कॉटन की होती है, जो नमी को सोखती है और बैक्टीरिया पनपने से रोकती है. इससे यूरिनरी इंफेक्शन जैसे खुजली और जलन जैसी समस्याओं से बचाव होता है.
पसीना जमा होता है
अंडरवियर अगर पूरी तरह सिंथेटिक कपड़े की हो तो उसमें पसीना जमा हो सकता है. लेकिन गस्सेट इसे बैलेंस करता है और वेंटिलेशन में मदद करता है. यह परत अंडरवियर को बेहतर फिट देती है और चलने-फिरने के दौरान आराम बनाए रखती है.
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जरूर जानें ये बातें
हमेशा कॉटन गस्सेट वाली अंडरवियर पहनें, खासकर गर्मी और पीरियड्स के दिनों में.
फैशन को प्राथमिकता दें कम दें और कॉटन अंडरवियर पहनें.
सिंथेटिक और लेस वाले अंडरवियर की बजाय ऐसे विकल्प चुनें जो हाइजीन फ्रेंडली हों.
छोटी जेब फैशन का हिस्सा नहीं
महिलाओं की अंडरवियर में मौजूद ये "छोटी जेब" कोई फैशन का हिस्सा नहीं, बल्कि एक सोच-समझकर किया गया डिजाइन है, जो स्वास्थ्य, सफाई और आराम से जुड़ा हुआ है. अगली बार जब आप अंडरवियर खरीदें, तो इस छोटी सी "गस्सेट" को नजरअंदाज न करें, क्योंकि यही छोटी चीज आपके स्वास्थ्य की रखवाली करती है.
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