जैसा कि हम जानते हैं कि पानी हमेशा ऊंचाई से नीचे की ओर बहता है, लेकिन दुनिया में कुछ स्थान ऐसे भी हैं जहां पानी ग्रेविटी फोर्स के उल्टा यानी नीचे से ऊपर की ओर बहता दिखाई देता है. यह नजारा वैज्ञानिकों को भी हैरान कर देता है. इन रहस्यमयी स्थानों पर जाकर ऐसा महसूस होता है मानो कुदरत ने अपने नियमों को ही बदल दिया हो. ऐसे में भारत समेत दुनिया के कई हिस्सों ऐला देखने को मिलता है, तो हम आपको बताएंगे कि आखिर ऐसा क्यों होता है?
इन हिस्सों में बहता है उल्टा पानी
तो सबसे पहले हम अपने देश की बात करते हैं, अगर भारत की बात करें तो छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में पानी उल्टी दिशा में बहता है, जबकि लद्दाख के मैग्नेटिक हिल में वाहन गुरुत्वाकर्षण के जस्ट विपरीत दिशा में ढलान पर चढ़ते नजर आते हैं. वहीं, दुनिया के दूसरे देशों पर नजर डालें तो दक्षिण कोरिया के जेजू द्वीप में पहाड़ी रास्ते पर पानी ऊपर की ओर बहता हुआ दिखाई देता है. इसके अलावा अमेरिका के डेविल्स टॉवर के पहाड़ी इलाके में भी पानी ऊपर की ओर बहता है.
इस पर क्या कहते हैं वैज्ञानिक?
वैज्ञानिकों का मानना है कि यह “ऑप्टिकल इल्यूजन” हो सकता है. इसका मतलब यह है कि हमारी आंखों को ऐसा लगता है कि पानी नीचे से ऊपर बह रहा है, लेकिन असल में आसपास की भौगोलिक संरचना की वजह से हमारी दृष्टि हमें धोखा देती है.
ग्रेविटी हिल्स या मैग्नेटिक हिल का प्रभाव – यहां की ढलानें इस तरह की होती हैं कि वे नीचे की ओर होते हुए भी ऊपर की ओर जाती हुई प्रतीत होती हैं.
मैग्नेटिक फील्ड का असर – कुछ वैज्ञानिकों का कहना है कि इन इलाकों में विशेष प्रकार का मैग्नेटिक फील्ड मौजूद होता है, जो गुरुत्वाकर्षण बल को प्रभावित करता है.
पर्यावरणीय कारण – वायुमंडलीय दबाव, हवा की दिशा और आसपास के लैंडस्केप का कॉम्बिनेशन भी इस भ्रम को पैदा करता है.
आखिर ये रहस्य क्या है?
हालांकि, कुछ स्थानों पर वैज्ञानिकों ने स्पष्ट रूप से इसे दृष्टि भ्रम बताया है, लेकिन अभी भी कई जगहों पर यह रहस्य बरकरार है. इन स्थानों पर शोध जारी है ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या वास्तव में कोई भूगर्भीय या चुम्बकीय प्रभाव इस घटना के पीछे जिम्मेदार है.
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