भारत में दोमुंहा सांप यानी रेड सैंड बोआ को लेकर कई तरह की भ्रांतियां फैली हुई हैं. कुछ लोग मानते हैं कि यह सांप करोड़ों में बिकता है और इसे पाने वाला व्यक्ति अचानक धनवान हो जाता है. इस वजह से ब्लैक मार्केट में इसकी भारी डिमांड रहती है. कई रिपोर्ट्स में दावा किया जाता है कि इस सांप की कीमत 2 करोड़ से लेकर 25 करोड़ रुपये तक लग चुकी है. लेकिन क्या वाकई में यह सांप इतना कीमती है? आइए जानते हैं सच.
क्या वाकई रेड सैंड बोआ की कीमत करोड़ों में है?
सबसे पहले यह समझना जरूरी है कि भारत में वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन एक्ट, 1972 के तहत किसी भी जंगली जानवर को पकड़ना, उसे नुकसान पहुंचाना या बेचना कानूनी अपराध है. अगर कोई व्यक्ति इस सांप की तस्करी करता है, तो उसे जेल की सजा और भारी जुर्माना हो सकता है. इसके बावजूद, कई लोग अंधविश्वास के कारण इस सांप की तस्करी करने की कोशिश करते हैं.
स्नेक एक्सपर्ट्स का क्या कहना है?
सांप विशेषज्ञों की राय इस सांप को लेकर बिल्कुल अलग है. रेड सैंड बोआ कोई दुर्लभ सांप नहीं है, बल्कि यह भारत में कई जगहों पर पाया जाता है. यह सांप आमतौर पर पक्षी, चूहे और मेंढकों का शिकार करता है, जिससे प्रकृति का संतुलन बनाए रखने में मदद मिलती है.
क्यों होती है रेड सैंड बोआ की तस्करी?
रेड सैंड बोआ को लेकर अलग-अलग इलाकों में अलग-अलग मान्यताएं हैं.
- साउथ इंडिया – कुछ जगहों पर इसे बलि चढ़ाया जाता है ताकि बिजनेस में उन्नति हो.
- नौर्थ इंडिया – इसे मायावी सांप माना जाता है और जादू-टोने में इस्तेमाल किया जाता है.
- साउथ-ईस्ट एशिया – यहां माना जाता है कि इस सांप के अंगों से कैंसर और एड्स जैसी बीमारियों की दवाइयां बनाई जाती हैं.
इन्हीं कारणों से तस्कर इस सांप को पकड़कर ऊंचे दामों पर बेचने की कोशिश करते हैं. हालांकि, कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि यह सांप किसी को अमीर बना सकता है या इससे कोई चमत्कारी दवा बनाई जा सकती है.
रेड बोआ दिखे तो क्या करें?
अगर कहीं रेड सैंड बोआ दिखाई दे, तो इसे नुकसान न पहुंचाएं और वन्यजीव विभाग को सूचना दें. इस सांप की तस्करी कानूनन अपराध है और इस पर कड़ी कार्रवाई हो सकती है. लोगों को चाहिए कि वे अंधविश्वास से बचें और कानून का पालन करें.
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