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Human Face Photograph: (Freepik)
इंसान का शरीर एक ऐसा चमत्कार है, जो हर दिन हमें हैरान करता है. वहीं हमारे शरीर के अंगों का विकास बचपन से युवावस्था तक होता है. वहीं हमारे शरीर के कुछ अंग ऐसे भी होते हैं जो कि मरने के बाद भी जिंदा रहते हैं और बढ़ते रहते हैं. दरअसल, बुढ़ापे में गुरुत्वाकर्षण के कारण यह नीचे लटक जाते हैं और लंबे दिखने लगते हैं. आइए आपको इसके बारे में डिटेल में बताते है.
शरीर के ये अंग बढ़ते हैं
इंसान के शरीर में नाक और कान दो ऐसे अंग होते हैं जो कि जिंदगी भर बढ़ते रहते हैं. यह सुनने में शायद थोड़ा अजीब लगे लेकिन आमतौर पर शरीर का विकास युवावस्था तक ही पूरा हो जाता है, लेकिन कान और नाक में मौजूद कार्टिलेज (उपास्थि) ऊतक उम्र के साथ बढ़ता रहता है. वहीं कार्टिलेज एक लचीला ऊतक है, जो हड्डियों की तुलना में अधिक समय तक बढ़ने की क्षमता रखता है. इसके अलावा जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है. जिसकी वजह से त्वचा अपनी लोच खो देती है और हड्डियां कमजोर होने लगती है. इस कारण गुरुत्वाकर्षण का प्रभाव कान और नाक पर अधिक पड़ता है. जिसकी वजह से ये नीचे की ओर लटकने लगते हैं और लंबे दिखाई देते हैं.
1.5 से 2 सेंटीमीटर तक बढ़ते है
कान और नाक का कार्टिलेज उम्र के साथ बढ़ता रहता है, लेकिन यह वृद्धि बहुत धीमी होती है. हर दशक में कान और नाक की लंबाई में 0.22 मिमी की बढ़ोतरी हो सकती है. वहीं बुढ़ापे में त्वचा की लोच कम होने और गुरुत्वाकर्षण के कारण ये अंग अधिक लंबे और लटके हुए दिखते हैं. उदाहरण के तौर पर समझें तो अगर आप 70 साल के हैं, तो आपके कान और नाक बचपन की तुलना में लगभग 1.5 से 2 सेंटीमीटर तक लंबे हो सकते हैं.
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चेहरे की संरचना में बदलाव
कई अध्ययनों से पता चला है कि उम्र बढ़ने के साथ चेहरे की संरचना में बदलाव आता है. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) के एक शोध के अनुसार, नाक का कार्टिलेज उम्र के साथ नरम और कमजोर हो जाता है, जिसके कारण उसका आकार बदलता है. यही कारण है कि बुजुर्गों की नाक अक्सर अधिक चौड़ी और लंबी दिखती है. इसी तरह, कान की लोब भी उम्र के साथ लटकने लगती है, खासकर उन लोगों में जो भारी झुमके पहनते हैं.