The smallest creature on earth: धरती पर जीव-जंतुओं की दुनिया अत्यंत विशाल और रहस्यमयी है. कुछ जीव इतने विशाल हैं कि उन्हें देखने मात्र से ही आश्चर्य होता है, वहीं कुछ इतने छोटे होते हैं कि उन्हें आंखों से देख पाना भी नामुमकिन होता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस धरती पर सबसे छोटा जीव कौन सा है?
तो यह है दुनिया का सबसे छोटा जीव?
वैज्ञानिकों के अनुसार, धरती का सबसे छोटा जीव “माइकोप्लाज्मा जेनिटेलियम” (Mycoplasma Genitalium) नामक एक माइक्रो बैक्टीरिया है. यह इतना छोटा है कि इसका आकार मात्र 200 से 300 नैनोमीटर होता है. इसे देखने के लिए पावरफुल इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप की आवश्यकता होती है.
ऐसे इंसानों पर करता है अटैक
इस बैक्टीरिया की खोज 1980 के दशक में हुई थी और यह इंसानों के यूरिनरी और रिप्रोडक्टिव सिस्टम में संक्रमण फैलाने के लिए जाना जाता है. वैज्ञानिकों का मानना है कि यह बैक्टीरिया सबसे सरल और न्यूनतम जीन वाला जीव है, जिसकी मदद से बायोलॉजी के क्षेत्र में कई शोध किए जा रहे हैं.
वैज्ञानिक लगातार कर रहे हैं रिसर्च
इस बैक्टीरिया की विशेषता यह है कि इसमें जीवित रहने के लिए केवल आवश्यक जीन मौजूद होते हैं. यही कारण है कि वैज्ञानिक इसे जीवन की न्यूनतम इकाई मानते हैं. इस पर कई रिसर्च इसलिए भी हो रहे हैं ताकि यह समझा जा सके कि जीवन के लिए कम से कम कितने जीन की आवश्यकता होती है. इसके अलावा, कुछ वायरस जैसे बैक्टेरियोफेज भी आकार में माइकोप्लाज्मा से छोटे हो सकते हैं, लेकिन वायरस को पूर्ण जीव नहीं माना जाता क्योंकि वे बिना किसी होस्ट के सक्रिय नहीं रह सकते हैं.
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छोटा जीव और बड़ी भूमिका
धरती का सबसे छोटा जीव माइकोप्लाज्मा जेनिटेलियम है, जो मानव शरीर में संक्रमण फैलाने वाला एक बैक्टीरिया है. इसका अध्ययन वैज्ञानिकों के लिए जीवन की जड़ों को समझने में बेहद मददगार साबित हो रहा है. यह सूक्ष्म जीव हमें यह भी सिखाता है कि आकार चाहे कितना भी छोटा हो, उसकी भूमिका बड़ी हो सकती है.
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