फ्रांस के नांतेस रेलवे स्टेशन पर एक व्यक्ति को सार्वजनिक रूप से स्पीकरफोन पर बातचीत करना भारी पड़ गया. रिपोर्ट्स के मुताबिक, उस व्यक्ति पर €200 (लगभग ₹17,000) का जुर्माना लगाया गया है. न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, “डेविड” नामक यह व्यक्ति अपनी बहन से स्पीकरफोन पर बात कर रहा था, जब फ्रांस की सरकारी रेल कंपनी SNCF के एक अधिकारी ने उसे ऐसा करने से रोका.
कैसे हुई यह घटना?
यह घटना तब हुई, जब डेविड नांतेस रेलवे स्टेशन पर ट्रेन का इंतजार कर रहा था. SNCF के एक सुरक्षाकर्मी ने उसे चेतावनी दी कि अगर वह स्पीकरफोन बंद नहीं करता, तो उसे €150 (करीब ₹13,000) का जुर्माना देना होगा.
डेविड ने फ्रांस की समाचार नेटवर्क BFM TV को बताया, “पहले तो मुझे लगा कि यह मजाक है, लेकिन जब अधिकारी ने सच में जुर्माना लगा दिया तो मैं हैरान रह गया.”
जुर्माने की राशि बढ़कर ₹17,000 हुई
डेविड को शुरू में €150 का जुर्माना भरने को कहा गया, लेकिन जब उसने समय पर भुगतान नहीं किया, तो यह बढ़कर €200 (लगभग ₹17,000) हो गया. अब डेविड एक वकील की मदद से इस जुर्माने को चुनौती दे रहा है.
सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस
इस घटना ने सोशल मीडिया पर बड़ी बहस छेड़ दी. रेडिट पर “पब्लिक प्लेस में हेडफोन के बिना फोन पर बात करने” को लेकर चर्चा शुरू हो गई. एक यूजर ने लिखा, “किसी को भी आपकी फोन बातचीत सुनने के लिए मजबूर नहीं होना चाहिए. यह न सिर्फ ध्यान भंग करता है, बल्कि कई बार असुविधाजनक और शर्मनाक भी हो सकता है.” वहीं, एक अन्य यूजर ने कहा, “जब लोग बिना हेडफोन के TikTok देखते हैं या वीडियो कॉल करते हैं, तो यह बेहद परेशान करने वाला होता है.” इस टिप्पणी को 13,000 से अधिक अपवोट मिले.
फ्रांस में क्या हैं नियम?
फ्रांस में सार्वजनिक स्थानों पर स्पीकर फोन का उपयोग करना प्रतिबंधित नहीं है, लेकिन नॉइस कंट्रोल कानूनों के तहत इसकी आवाज सीमित रखनी होती है ताकि यह अन्य लोगों को परेशान न करे.
क्या हमारे देश में हैं ऐसे नियम?
फ्रांस में यह जुर्माना इसलिए लगाया गया क्योंकि वहां सार्वजनिक स्थानों पर दूसरों को डिस्टर्ब करना नियमों के खिलाफ है. भारत में ऐसा कोई सख्त कानून नहीं है, लेकिन मेट्रो और रेलवे स्टेशनों पर “शांत वातावरण बनाए रखने” की सलाह जरूर दी जाती है.
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