इस खदान में केवल महिलाओं मिलती है नौकरी, वजह जानकर रह जाएंगे दंग

जिम्बाब्वे में एक ऐसी खदान हैं जिसमें केवल महिलाओं को ही नौकरी दी जाती है. यही नहीं इस खदान में काम करने के लिए उन्हें मोटी सैलरी भी मिलती है. इस टिकाऊ खान में पर्यावरण को कम से कम नुकसान पहुंचाने की कोशिश की जाती है.

जिम्बाब्वे में एक ऐसी खदान हैं जिसमें केवल महिलाओं को ही नौकरी दी जाती है. यही नहीं इस खदान में काम करने के लिए उन्हें मोटी सैलरी भी मिलती है. इस टिकाऊ खान में पर्यावरण को कम से कम नुकसान पहुंचाने की कोशिश की जाती है.

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Suhel Khan
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Mining ( Photo Credit : Social Media)

Zimbabwean Women Miners: दुनिया में शायद ही कोई ऐसी खदान होगी जहां पुरुषों से ज्यादा महिलाओं को काम पर रखा जाता हो, क्योंकि खदानों में काम करना बेहद मुश्किल होता है. इसलिए यहां ज्यादातर पुरुष ही काम करते हैं लेकिन अफ्रीका के एक देश इस का उल्टा है. क्योंकि वहां की खदान में सिर्फ महिलाएं ही काम करती है. इसके पीछे की वजह क्या है ये जानकर आप हैरान रह जाएंगे. दरअसल, जिम्बाब्वे में एक ऐसी खदान हैं जिसमें केवल महिलाओं को ही नौकरी दी जाती है. यही नहीं इस खदान में काम करने के लिए उन्हें मोटी सैलरी भी मिलती है. इस टिकाऊ खान में पर्यावरण को कम से कम नुकसान पहुंचाने की कोशिश की जाती है.

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दुनगुजा नदी पर होता खनन का काम

ये सुनकर अगर आप हैरान हैं कि खनन के काम के लिए सिर्फ महिलाओं को ही रखा जाता है तो चलिए आपको बताते हैं. दरअसल इसके पीछे की वजह बेहद शानदार है संयुक्त राष्ट्र सहित पूरी दुनिया उनकी तारीफ करती है. ज्यादातर खनन उत्तरी जिम्बाब्वे में दुनगुजा नदी पर किया जाता है. जहां 'जिम्बाकुआ' जैसी कई कंपनियां रत्नों की खोज करती हैं. लेकिन काम के लिए सिर्फ महिलाओं को ही हायर करती हैं. यहां चाहे ड्रिलिंग हो या फिर हैमरिंग या फिर बड़े-बड़े पत्थरों की ढुलाई, हर काम महिलाएं ही करती हैं. महिलाएं यहां एक्वामरीन या फिरोजा की तलाश करती हैं. महिलाएं कहती हैं कि इतना मेहनती काम करने के बाद वह फिट रहती हैं.

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चट्टानों की गहरी तह में मिलते हैं फिरोजा नगीना

बता दें कि फिरोजा नगीना के भंडार अक्सर चट्टानों की गहरी तह में मिलते हैं. ऐसे में विस्फोट की मदद से उनकी तलाश की जा सकती है, लेकिन यहां इसका भी उल्टा है. क्योंकि यहां महिलाएं विस्फोट करने की बजाय छेनी-हथौड़े की मदद से फिरोजा की खोज करती हैं. इस तरह काम करने से पर्यावरण को नुकसान नहीं होता है. इस प्रक्रिया में रसायनों का इस्तेमाल नहीं किया जाता है. साथ ही पानी भी कम से कम उपयोग किया जाता है. यूएन की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि महिलाओं को यहां हर महीने 180 यूरो दिए जाते हैं. अफ्रीका के किसी अन्य देश की तुलना में काफी ज्यादा हैं. इसके अलावा महिलाएं खदान के आसपास सब्जियां भी उगाती हैं और उन्हें बेचकर भी पैसा कमाती हैं.

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क्यों दी जाती है यहां महिलाओं को नौकरी

यहां की खदानों में खनन करने वाली माइनिंग कंपनियों का कहना है कि वह केवल महिलाओं को इसलिए काम देते हैं जिससे वह अपने पैरों पर खड़े हो सकें. उन्हें किसी दूसरे पर निर्भर न रहना पड़े. खनन की नौकरी कर कई महिलाएं अपने बच्चों और बेरोजगार पति की देखभाल करती हैं. जिम्बाकुआ माइनिंग कंपनी के प्रबंधक रुंबिडज़ई ग्विनजी कहते हैं कि हम केवल महिलाओं को मौका देते हैं क्योंकि हम जानते हैं कि वह पुरुषों से कम नहीं हैं.

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Source : News Nation Bureau

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