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जब एक शख्स ने कुत्ते के मरने पर किया ब्रह्मभोज का आयोजन. लोग देखकर रह गए हैरान

उत्तर प्रदेश स्थित जनपद मेरठ के गांव बाड़म की यह घटना सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है. कुत्ते के प्रति युवक का प्रेम देखकर लोगों के मुंह से वाह निकल ही जाता है.

Updated on: 21 Aug 2021, 11:49 AM

highlights

  • कुत्ते के प्रति इतना प्रेम शायद ही पहले कभी देखा हो 
  • सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तेहरवी की तस्वीर
  • शख्स की हो रही जमकर तारीफ 

New delhi:

आपने गाय (Cow) और सांड (Bull) की मौत के बाद उनकी तेहरवीं और हवन-ब्रह्मभोज (Hawan-Brahambhoj) की घटनाएं तो सुनी थी. लेकिन क्या कोई कुत्ते के मरने पर भी ऐसा आयोजन कर सकता है. ये शायद ही पहले कभी सुना हो. जी उत्तर प्रदेश स्थित जनपद मेरठ के गांव बाड़म की यह घटना सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है. कुत्ते के प्रति युवक का प्रेम देखकर लोगों के मुंह से वाह निकल ही जाता है. कुत्ते की मौत होने पर गांव निवासी शख्स ने बैंडबाजे के साथ उसकी न सिर्फ शव यात्रा (Funeral Procession) निकाली, बल्कि तेरहवीं पर श्राद्ध कर्म और भोज (Bhoj) का भी आयोजन किया गया. जिसमें तमाम ग्रामीणों को बुलाया गया. 

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घर में लगवाई मृतक कुत्ते की तस्वीर
बाडम गांव निवासी एक व्‍यक्ति ने ऐसी मिसाल कायम की है, जो मानव और जानवर के प्रेम को दर्शाता है. इस व्‍यक्ति ने एक लावारिस कुत्‍ते के मरने पर उसका अंतिम संस्‍कार पूरे धूमधाम से किया. बैंड बाजे के साथ श्‍मशान में ले गया. यह सिलसिला बस यहीं तक नहीं रुका बल्कि उस व्‍यक्ति ने कुत्‍ते की तेरहवीं की. अब युवक ने कुत्ते की तस्वीर अपने घर में माला टांगकर लगा रखी है. सोशल मीडिया पर शख्स की जमकर तारीफ हो रही है. साथ ही लोगों के रिएक्शन भी आ रहे हैं. एक यूजर ने लिखा है लावारिस कुत्ते के लिए इतना सब करना वास्तव में गर्व की बात है.

पहले भी हो चुका है इस तरह का आयोजन 
करीब दो साल पहले मुरानगर के गांव कांकड़ा में एक गाय की मौत के बाद गाय स्वामी ने हिन्दू रीति—रिवाज के साथ गाय का अंतिम संस्कार कराया था. साथ ही कार्ड छपवाकर गाय की तेरहवीं की थी. इसमें ​भाजपा विधायक समेत गांव और आसपास के ग्रामीण शामिल हुए थे. गाय की यह अद्भुत तेहरवी काफी दिनों तक चर्चा का विषय बनी रही थी.

ऐसा ही एक वाकया मुजफ्फरनगर में भी हुआ यह
2018 में मुजफ्फरनगर के कस्बा बुढ़ाना में एक सांड की मौत हो जाने के बाद कस्बे के लोगों ने सांड की शव यात्रा निकाली और तेरहवीं पर हवन और ब्रह्मभोज का आयोजन किया था. इसमें काफी संख्या में ग्रामीणों के साथ राजनेता भी शामिल हुए थे.