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अजीबोगरीब : मुर्दाघर के फ्रीजर में रखा था शव, सात घंटे बाद मिला जिंदा

मुरादाबाद के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. शिव सिंह ने कहा कि आपातकालीन चिकित्सा अधिकारी ने सुबह 3 बजे मरीज को देखा था तब उसका दिल नहीं धड़क रहा था. उसने कई बार उस व्यक्ति की जांच की थी. उसके बाद उसे मृत घोषित कर दिया गया था,.

Updated on: 21 Nov 2021, 11:43 AM

highlights

  • सड़क दुर्घटना में मौत के बाद शव को स्वास्थ्यकर्मियों ने रखा था फ्रीजर में
  • व्यक्ति को डॉक्टरों ने कर दिया था मृत घोषित, भाभी ने देखा उसे हिलते हुए
  • परिजनों ने कहा है कि वह डॉक्टरों के खिलाफ लापरवाही की कराएंगे शिकायत दर्ज 

 

 

मुरादाबाद:

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद से एक अजीबोगरीब घटना सामने आई है. इस घटना को सुनकर हर कोई एक बार जरूर चौंक जा रहा है. सड़क दुर्घटना में मौत के बाद एक शव को यहां के फ्रीजर में रखा गया था, लेकिन बाद में चला कि यह 40 वर्षीय व्यक्ति जिंदा है. व्यक्ति को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था. इलेक्ट्रिशियन श्रीकेश कुमार को तेज रफ्तार मोटरसाइकिल ने टक्कर मार दी थी जिसके बाद उसे गुरुवार रात जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था. फिलहाल जांच के आदेश दे दिए गए हैं. डॉक्टरों ने कहा है कि हमारी प्राथमिकता फिलहाल उसकी जान बचाना है. वहीं परिजनों ने कहा है कि वह डॉक्टरों के खिलाफ लापरवाही की शिकायत दर्ज कराएंगे.

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डॉक्टर ने श्रीकेश कुमार को मृत घोषित करने के बाद अगले दिन अस्पताल के कर्मचारियों ने शव को फ्रीजर में रख दिया. लगभग सात घंटे बाद जब एक पंचनामा या दस्तावेज पर शव की पहचान के बाद परिवार के सदस्यों के हस्ताक्षर लेकर शव परीक्षण के लिए सहमति देनी थी, तभी कुमार की भाभी मधुबाला उसके शरीर में हलचल होते हुए देखा. वायरल हुए एक वीडियो में मधुबाला को यह कहते हुए सुना जा सकता है, वह मरा नहीं है. यह कैसे हुआ? देखिए, वह कुछ कहना चाहता है, वह सांस ले रहा है.

मुरादाबाद के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. शिव सिंह ने कहा कि आपातकालीन चिकित्सा अधिकारी ने सुबह 3 बजे मरीज को देखा था तब उसका दिल नहीं धड़क रहा था. उसने कई बार उस व्यक्ति की जांच की थी. उसके बाद उसे मृत घोषित कर दिया गया था, लेकिन सुबह पुलिस की टीम और उसके परिवार ने उसे जीवित पाया. सिंह ने कहा कि यह उन दुर्लभ मामलों में से एक है. हम इसे लापरवाही नहीं कह सकते. कुमार का अब मेरठ के एक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज चल रहा है जहां उनकी हालत में सुधार आया है.