UK: लंदन की आबादी से ज्यादा हुई देश में कुत्तों की संख्या, बैन की मांग
Capital City of Dangerous Dogs in UK: यूनाइटेड किंगडम (United Kingdom). कभी इस देश का दुनिया पर डंका बजता था. सारी दुनिया में अंग्रेज घुसे पड़े थे. लेकिन अब अंग्रेजों के देश में कुत्तों की भरमार हो गई है. खतरनाक बात तो ये हो गई कि...
highlights
- कुत्तों से परेशान हो गए यूके के लोग
- लंदन की आबादी से ज्यादा हुई कुत्तों की संख्या
- नॉस्ले शहर में जा चुकी 9 लोगों की जान
नई दिल्ली:
Capital City of Dangerous Dogs in UK: यूनाइटेड किंगडम (United Kingdom). कभी इस देश का दुनिया पर डंका बजता था. सारी दुनिया में अंग्रेज घुसे पड़े थे. लेकिन अब अंग्रेजों के देश में कुत्तों की भरमार हो गई है. खतरनाक बात तो ये हो गई कि हर शहर में हजारों मामले ऐसे सामने आ रहे हैं, जिसमें कुत्ते आम लोगों पर हमला बोल रहे हैं. अब देखिए न, 2018 में लंदन मेट्रोपॉलिटन शहर की कुल आबादी 90 लाख से भी कम थी, लेकिन 2020 में यूके में कुत्तों की संख्या 1 करोड़ के पार हो चली थी. और अब लॉकडाउन खत्म होने के बाद जब 2022 में गिनती की गई है, तो पूरे देश में कुत्तों की आबादी 1.20 करोड़ से भी ज्यादा हो गई है. ऐसे में जरा अंग्रेजों के उस स्लोगन के बारे में याद करिए, जिसमें रेस्टोरेंट या खास जगहों पर लिखा होता था, '******* एंड डॉग्स नॉट अलॉउड'.
छोटे से शहर में कुत्तों ने ली 9 जानें
ये इसलिए याद दिला रहे हैं कि अंग्रेजों के देश में अब कई शहर और उनके मुहल्ले ऐसे हो गए हैं, जहां इंसानों का अकेला घर से बाहर निकलना मोहताज हो गया है. क्योंकि अंग्रेजों के देश में खतरनाक कुत्तों की ऐसी बाढ़ आ गई है कि हजारों लोगों को इंजेक्शन और डॉक्टरी सेवा की जरूरत पड़ रही है. मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक, लॉकडाउन के बाद जहां हर साल 15-20 मामले कुत्तों के गंभीर रूप से काटने के आ रहे थे, वहां ये आंकड़े सैकड़ों में पहुंच गए हैं. यहां तक कि सिर्फ एक छोटे से शहर नॉस्ले (Knowsley) में एक साल के भीतर 9 लोगों की जान कुत्तों के काटने से चली गई है. जिसके बाद अब अंग्रेज डिमांड कर रहे हैं कि उनके देश में 'खतरनाक कुत्तों की राजधानी' बन चुके इस शहर में कुत्तों से निपटा जाए.
ये भी पढ़ें: Dream Job: इस बंदे को 'कुछ नहीं' करने के लिए मिलती है मोटी सैलरी, वजह कर देगी हैरान
डॉग लवर्स से परेशान हैं डॉग हेटर्स
लोगों की समस्या इतनी ही नहीं है? दरअसल, जो डॉग लवर हैं. वो अपने कुत्तों के साथ मस्ती में जी रहे हैं. ये अलग बात है कि कुछ सप्ताह पहले ही एक 'डॉग लवर' को उसके कुत्ते ने ही ऐसा काट खाया कि उसकी जान चली गई. फिर भी उन्हें लोगों की शिकायतों से कोई फर्क नहीं पड़ता. फर्क उन्हें पड़ रहा है, जो छोटे कुत्ते पालते हैं या कुत्ते पालते ही नहीं. उन्हें फर्क कुत्तों के काटने से ज्यादा कुत्तों के गैंग से जान जाने के डर की वजह से पड़ रहा है. ऊपर से डॉग लवर्स ने रात के समय पार्कों को, सड़कों को 'मेटिंग प्वॉइंट' या ब्रीडिंग पॉइंट बना डाला है. अब बेचारे शर्माते अंग्रेजों का क्या कसूर, कि उन्हें सड़कों पर खुलेआप 'मेटिंग' देखनी पड़ती है. ऊपर से किसी खतरनाक कुत्ते को भगाने की कोशिश कर दी, तो वो इंसानों पर ही चढ़ बैठता है.
अब करते हैं आंकड़ों की बात
पूरे इंग्लैंड (England) की आबादी है करीब 5.6 करोड़. जिसमें से अंग्रेजों के अलावा पूरी दुनिया से आए हुए विभिन्न जातियों, प्रजातियों, रंगों, धर्मों के लोग हैं. लेकिन इस देश में 1.20 करोड़ कुत्ते हो गए हैं. कुछ लोगों के पास कई कई कुत्ते हैं. और कुछ के पास एक भी नहीं. क्योंकि कुत्तों की वजह से 'डॉग फोबिया' भी कुछ लोगों को होता है. ऐसे में अब ये लोग मांग कर रहे हैं कि खतरनाक जाति के कुत्तों पर बैन लगाया जाए और जो कानून साल 1991 में बना था, उसे विस्तार दिया जाए. क्योंकि उस कानून में कई नई नस्लों के कुत्ते आते ही नहीं, जो पुरानी नस्ल के कुत्तों से भी ज्यादा खतरनाक हैं. और लोग उन्हें धड़ल्ले से पाल भी रहे हैं. ऐसे में लोगों की मांग है कि नए कानूनों को जल्द से जल्द लागू किया जाए, ताकि इंसानी जानों को थोड़ी तवज्जों 'कुत्तों' से ज्यादा मिल सके.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Akshaya Tritiya 2024: 10 मई को चरम पर होंगे सोने-चांदी के रेट, ये है बड़ी वजह
-
Abrahamic Religion: दुनिया का सबसे नया धर्म अब्राहमी, जानें इसकी विशेषताएं और विवाद
-
Peeli Sarso Ke Totke: पीली सरसों के ये 5 टोटके आपको बनाएंगे मालामाल, आर्थिक तंगी होगी दूर
-
Maa Lakshmi Mantra: ये हैं मां लक्ष्मी के 5 चमत्कारी मंत्र, जपते ही सिद्ध हो जाते हैं सारे कार्य