इलाज के दौरान कोरोना के संदिग्ध मरीज की मौत, परिजनों ने बैग खोलकर शव देखा तो पैरों तले खिसक गई जमीन

अस्पताल प्रशासन की इस लापरवाही को देखते हुए सोमवार को एक डॉक्टर को निलंबित कर दिया गया. मृतक युवक का नाम विवेक कुशवाहा बताया जा रहा है, जो रीवा के मऊगंज का रहने वाला था.

अस्पताल प्रशासन की इस लापरवाही को देखते हुए सोमवार को एक डॉक्टर को निलंबित कर दिया गया. मृतक युवक का नाम विवेक कुशवाहा बताया जा रहा है, जो रीवा के मऊगंज का रहने वाला था.

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Sunil Chaurasia
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Sisters tie rakhi to the dead body of their brother.

सांकेतिक तस्वीर( Photo Credit : न्यूज नेशन)

मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के रीवा से एक बेहद ही हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां के एक सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए आए एक 22 साल के युवक की मौत के बाद अस्पताल प्रशासन ने उसके परिजनों को 65 साल के एक बुजुर्ग का शव दे दिया. अस्पताल प्रशासन की इस लापरवाही को देखते हुए सोमवार को एक डॉक्टर को निलंबित कर दिया गया. मृतक युवक का नाम विवेक कुशवाहा बताया जा रहा है, जो रीवा के मऊगंज का रहने वाला था.

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विवेक के पिता राम विशाल कुशवाहा ने बताया, ''रक्षा बंधन के बाद मेरे बेटे विवेक कुशवाहा की तबीयत खराब हो गई थी. जिसके बाद हमने मऊगंज में उसका इलाज कराया था. वहां से कोई राहत नहीं मिली तो हमने विवेक को 3 अगस्त को संजय गांधी अस्पताल में भर्ती करा दिया. मेरे बेटे को यहां पहले आईसीयू में रखा गया और बाद में कोविड-19 सेंटर में शिफ्ट कर दिया गया था. हमें अभी तक उसकी कोविड-19 की रिपोर्ट भी नहीं दी गई है. वह कोरोना वायरस से संक्रमित था या नहीं, यह हमें अभी तक पता नहीं है. अपने बेटे को कोविड सेंटर में भर्ती कराकर हम इंतजार कर रहे थे कि उसके बारे में कोई सूचना मिलेगी, लेकिन हमें कोई सूचना नहीं दी गई.''

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राम विशाल ने बताया कि उनका भतीजा रामचन्द्र कुशवाहा 3-4 दिनों के बाद जब विवेक के तबीयत के बारे में मालूम करने पहुंचा तो पता चला कि उसकी मौत हो गई. विवेक के परिजनों का आरोप है कि अस्पताल प्रशासन ने उन्हें बिना बताए ही विवेक के शव को सीधे शवगृह में भेज दिया. जिसके बाद उन्होंने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ यत्नेश त्रिपाठी से संपर्क किया और मामले की जानकारी दी. अधिकारी से मिलने के बाद परिजनों को 9 अगस्त को विवेक का शव देखने के लिए बुलाया गया लेकिन अस्पताल में विवेक का शव था ही नहीं.

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उन्होंने बताया कि जिस बैग पर विवेक नाम की पर्ची लगी थी, उसमें किसी बुजुर्ग का शव था. आक्रोशित परिजनों ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय और कमिश्नर कार्यलय का घेराव किया और लापरवाही बरतने के लिए सीएमएचओ सहित डॉक्टर पर कार्रवाई की मांग की. जिसके बाद रीवा संभाग के कमिश्नर राजेश कुमार जैन ने लापरवाही बरतने के आरोप में मेडिसिन विभाग के सह -प्राध्यापक डॉ राकेश पटेल को निलंबित कर दिया. उन्होंने कहा कि पूरे मामले की जांच की जा रही है. मृतक के पिता ने आरोप लगाया कि शायद अस्पताल प्रशासन ने कुछ दिन पहले ही उनके बेटे के शव का अन्य शवों के साथ अंतिम संस्कार कर दिया और इस बारे में सच छिपाया जा रहा है.

Source : News Nation Bureau

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