/newsnation/media/post_attachments/images/2021/04/24/woman-police-constable-haldi-ceremony-35.jpg)
छुट्टी नहीं मिली तो थाने में ही हुई महिला कॉन्स्टेबल की हल्दी रस्म( Photo Credit : ANI)
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस ने कहर बरपा रखा है. कोरोना की रफ्तार से हाहाकार मचा है और ऐसे में कोरोना के फ्रंट लाइन वॉरियर्स हर दिन अपनी जान हथेली पर रख इस वायरस से लड़ रहे हैं. कोरोना के इस संकट काल में कोरोना वॉरियर्स लोगों की हर संभव मदद करने में लगे हैं. कोरोना पाबंदियां में लोग घरों में सुरक्षित रहें, इसलिए पुलिसकर्मियों ने भी नागरिकों की सेवा करने के लिए अपनी जान दांव पर लगा रखी है. इस बीच राजस्थान की एक महिला पुलिस कॉन्स्टेबल आशा की चर्चा हो रही है. हालांकि महिला कॉन्स्टेबल आशा लोगों की मदद करने की वजह से नहीं, बल्कि अपनी हल्दी रस्म की वजह से चर्चा में है.
यह भी पढ़ें : पति ने दिया तलाक, महिला ने 60 साल के ससुर से रचा ली शादी
दरअसल, महिला पुलिस कॉन्स्टेबल आशा की पुलिस स्टेशन के अंदर ही हल्दी की रस्म हुई. मामला राजस्थान के डूंगरपुर पुलिस स्टेशन का है. आशा की हल्दी रस्म का समारोह थाना परिसर में हुआ. ऐसा इसलिए कि राज्य में जगह-जगह लॉकडाउन की वजह से उनको इसके लिए छुट्टी नहीं मिली. पुलिस कॉन्स्टेबल आशा की शादी होने वाली है और फिलहाल उनकी ड्यूटी डूंगरपुर पुलिस स्टेशन में लगी हुई है. कोरोना के संकट काल में आशा को शादी की रस्मों के लिए अभी घर जाने के लिए परमिशन नहीं मिल पाई.
Rajasthan: 'Haldi' ceremony of a woman police constable who is posted at Dungarpur police station was held at station premises, as couldn't avail leave amid surge in COVID19 cases. (23/4) pic.twitter.com/S1KoKc99yB
— ANI (@ANI) April 24, 2021
यह भी पढ़ें : ऑफिस से छुट्टी के लिए 37 दिनों में कर ली 4 बार शादी और तीन बार तलाक
छुट्टी न मिलने पर आशा की हल्दी की रस्म डूंगरपुर पुलिस थाने में ही निभाई गई. थाने में मौजूद अन्य महिला कॉन्स्टेबलों ने दुल्हन आशा को हल्दी लगाई. इस दौरान उन्होंने मंगल गीत गाकर रस्म को अच्छे से निभाया. इस दौरान महिला कॉन्स्टेबल आशा ने कहा कि उनकी शादी पिछले साल मई में होने वाली थी, लेकिन लॉकडाउन के कारण स्थगित करनी पड़ी थी. अब 30 अप्रैल को उनकी शादी होने वाली है. आशा ने कहा कि लॉकडाउन के चलते वह अभी ड्यूटी पर ही हैं. ऐसे में जब हल्दी की रस्म के लिए उन्हें छुट्टी नहीं मिली तो थाने में ही रस्म निभाई गई.
Source : News Nation Bureau