हम बचपन से सुनते आ रहे हैं कि इच्छाधारी नाग नागिन होते हैं. हम टीवी सीरियल में यही देखते आ रहे हैं तो क्या सच में इच्छाधारी नाग-नागिन होते हैं? इसके बारे में जानेंगे कि क्या इसके पीछे की कहानी, जिसे लेकर आज लोग चर्चा करते हैं. भारत की प्राचीन कथाओं, लोककथाओं, और धार्मिक ग्रंथों में इच्छाधारी नाग और नागिन का जिक्र बार-बार मिलता है. ये प्राणी अपनी मर्जी से किसी का भी रूप ले सकते हैं और अपनी असली पहचान छिपा सकते हैं. भारतीय संस्कृति और साहित्य में ये कहानियां बहुत प्रसिद्ध हैं, लेकिन क्या इनका कोई वैज्ञानिक आधार है? चलिए, इस विषय पर विस्तार से चर्चा करते हैं.
क्या सच में इच्छाधारी नाग-नागिन होते हैं क्या?
महाभारत में इच्छाधारी नागों का वर्णन मिलता है, जैसे कि नागराज वासुकी और नागमणि, रामायण में भी इच्छाधारी नागों की कहानियां हैं, जिसमें नागराज सर्पों के राजा के रूप में प्रसिद्ध हैं. भारत के विभिन्न हिस्सों में इच्छाधारी नाग-नागिन की कहानियाँ सुनाई जाती हैं. राजस्थान, उत्तर प्रदेश, और बंगाल की लोककथाओं में इनकी विशेष भूमिका होती है. इन कहानियों में इच्छाधारी नाग-नागिन के रूप बदलने, सोने की मोती और अमूल्य नागमणि की प्राप्ति की कहानियां प्रमुख हैं.
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आखिर विज्ञान क्या करता है दावा?
विज्ञान में किसी भी जीव का रूप बदलना असंभव है. मनुष्यों और जानवरों के पास अपनी शारीरिक संरचना को बदलने की क्षमता नहीं होती है. जीव विज्ञान में कुछ प्रजातियों के रंग बदलने या छलावरण की क्षमता होती है, जैसे गिरगिट, लेकिन यह उनकी शारीरिक संरचना में परिवर्तन नहीं करता. सांपों की कई प्रजातियां विषैली होती हैं और उनका व्यवहार रहस्यमयी होता है. लेकिन वे रूप बदलने की क्षमता नहीं रखते हैं. सांप अपने पर्यावरण के अनुसार छलावरण कर सकते हैं, लेकिन वे इच्छाधारी नाग-नागिन जैसी शक्तियां नहीं रखते हैं.
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Source : News Nation Bureau