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डेढ़ साल की बच्ची को नोंच-नोंचकर खा गए कुत्ते, नगर निगम पर लगे गंभीर आरोप

कुत्तों का एक खूंखार झुंड बच्चों के पास आ गया और हमला कर दिया. विवेक तो जैसे-तैसे अपनी जान बचाकर वहां से भाग निकला, लेकिन नन्ही गुड़िया कुत्तों के चंगुल में फंस गई.

Updated on: 16 Feb 2021, 08:47 AM

जबलपुर:

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के जबलपुर (Jabalpur) में कुत्तों (Dogs) के आतंक का एक दर्दनाक मामला सामने आया है. शुक्रवार को कुत्तों के झुंड ने माढ़ोताल थाने के अंतर्गत आने वाले कठौंदा गांव में रहने वाली डेढ़ साल की मासूम बच्ची पर हमला कर दिया था. कुत्तों के इस हमले में बच्ची बुरी तरह से घायल हो गई थी, जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था. हालांकि, तमाम कोशिशों के बाद भी बच्ची को बचाया नहीं जा सका और उसने हमले के दो दिन बाद अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया.

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खबरों के मुताबिक डेढ़ साल की दीपाली अपने परिवार के साथ जबलपुर के माढ़ोताल थाने के अंतर्गत आने वाले कठौंदा गांव में रहती थी. दीपाली के पिता सुशील श्रीवास्तव शुक्रवार की सुबह मजदूरी के लिए घर से चले गए थे. सुशील के जाने के बाद घर पर सुशील की पत्नी वर्षा, तीन साल का बेटा विवेक और डेढ़ साल की दीपाली उर्फ गुड़िया मौजूद थे. भाई-बहन घर के बाहर खेल रहे थे, तभी कुत्तों का एक खूंखार झुंड बच्चों के पास आ गया और हमला कर दिया. विवेक तो जैसे-तैसे अपनी जान बचाकर वहां से भाग निकला, लेकिन नन्ही गुड़िया कुत्तों के चंगुल में फंस गई. बच्ची की चीख सुनकर मां बाहर आई, तब तक गुड़िया कुत्तों के हमले से बुरी तरह से लहूलुहान हो चुकी थी. उसे गंभीर हालत में मेडिकल कॉलेज ले जाया गया.

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जानकारी के मुताबिक, गुड़िया का मेडिकल कॉलेज में बड़ा ऑपरेशन हुआ. इसके बावजूद उसे बचाया नहीं जा सका. सुशील श्रीवास्तव ने जबलपुर नगर निगम को बच्ची की मौत का जिम्मेदार बताया है. उन्होंने कहा कि नगर निगम शहर के सभी आवारा कुत्तों को पकड़कर कठौंदा में लाकर छोड़ देते हैं. यहां मृत जानवरों का चमड़ा भी उतारा जाता है. लिहाजा, यहां आने वाले कुत्ते मृत जानवरों को खा-खाकर खूंखार होते जा रहे हैं. लिहाजा, गांव के लोग काफी परेशान हैं. अभी गुड़िया पर हुए कुत्तों के हमले ने गांव वालों को और ज्यादा डरा दिया है. गांव वालों को डर है कि ये कुत्ते कहीं उनके बच्चों पर भी ऐसा हमला न कर दें.