क्या आप जानते हैं कि अरबों साल पहले चंद्रमा हमारी धरती के बेहद करीब था? वैज्ञानिकों के नए शोध में यह दावा किया गया है कि चंद्रमा पहले पृथ्वी के बहुत नजदीक था और समय के साथ धीरे-धीरे दूर होता चला गया. यह अध्ययन खगोल विज्ञान और पृथ्वी विज्ञान के लिए बेहद अहम माना जा रहा है.
कैसे बना चंद्रमा?
वैज्ञानिकों का मानना है कि करीब 4.5 अरब साल पहले एक विशाल ग्रहीय पिंड ने पृथ्वी से टकराया था, जिससे चंद्रमा का निर्माण हुआ. यह टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि पृथ्वी का एक बड़ा हिस्सा अंतरिक्ष में बिखर गया और वही समय के साथ मिलकर चंद्रमा बना.शुरुआती दौर में चंद्रमा सिर्फ 22,500 किलोमीटर की दूरी पर था, जो आज की तुलना में बहुत कम है. वर्तमान में चंद्रमा पृथ्वी से करीब 3,84,400 किलोमीटर दूर है.
क्या सच में चंद्रमा पृथ्वी के करीब था?
नए शोध के मुताबिक, हर साल चंद्रमा 3.8 सेंटीमीटर की दर से पृथ्वी से दूर जा रहा है. वैज्ञानिकों ने यह निष्कर्ष पृथ्वी की चट्टानों और समुद्री ज्वारों के अध्ययन से निकाला है. प्रोफेसर मैथ्यू एगन, जो इस शोध से जुड़े हैं, उन्होंने कहा कि “अगर हम समय को 1 अरब साल पीछे ले जाएं, तो चंद्रमा की स्थिति आज से काफी अलग होगी. वह पृथ्वी के काफी करीब था, जिससे हमारे ग्रह पर ज्वार-भाटा बेहद तीव्र होते थे.”
पृथ्वी पर प्रभाव क्या था?
जब चंद्रमा पृथ्वी के करीब था, तब हमारे ग्रह पर दिन बहुत छोटे होते थे. वैज्ञानिकों के अनुसार, करीब 1.4 अरब साल पहले, पृथ्वी पर एक दिन सिर्फ 18 घंटे का होता था. चंद्रमा की नजदीकी के कारण पृथ्वी की गति तेज थी, लेकिन जैसे-जैसे वह दूर जाता गया, दिन लंबे होते गए.
क्या भविष्य में चंद्रमा और दूर जाएगा?
वैज्ञानिकों का कहना है कि आने वाले करोड़ों वर्षों में चंद्रमा और भी दूर हो जाएगा. हालांकि, इसका असर धीरे-धीरे पड़ेगा, इसलिए फिलहाल हमें चिंता करने की जरूरत नहीं है.नए शोध से यह साफ होता है कि चंद्रमा पहले धरती के काफी करीब था और धीरे-धीरे दूर होता जा रहा है. यह खोज विज्ञान के लिए बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि यह पृथ्वी और उसके प्राकृतिक उपग्रह के विकास को समझने में मदद करती है.
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